Petrol-Pump
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    नई दिल्ली/मुंबई. जहाँ एक तरफ महाराष्ट्र और मुंबई में पेट्रोल की कीमतों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बयान पर बीते बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान जारी किया है। इसके मुताबिक, “मुंबई में एक लीटर डीजल पर डीजल टैक्स का हिस्सा केंद्र के लिए 24।38 रुपये और राज्य के लिए 22.37 रुपये है।

    पेट्रोल टैक्स का हिस्सा केंद्रीय कर के रूप में 31.58 रुपये और राज्य कर के रूप में 32.55 रुपये है। इसलिए, यह सच नहीं है कि राज्य के कारण कीमतें अधिक महंगी हो गई हैं, जैसा कि प्रधानमंत्री कहते हैं।”

    वहीं अब केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने भी उद्धव सरकार से पुछा है कि, महाराष्ट्र सरकार ने 2018 से ईंधन कर के रूप में 79,412 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं और इस वर्ष भी करीब 33,000 करोड़ रुपये एकत्र करने की उम्मीद है। (1,12,757 करोड़ रुपये तक जोड़कर)। लोगों को राहत देने के लिए उसने पेट्रोल और डीजल पर वैट अब तक क्यों नहीं घटाया है?

    बता दें कि बीते बुधवार को प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान PM मोदी ने कोरोना के साथ बढ़ती महंगाई को लेकर भी बात की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि, पिछले साल नवंबर में जनता को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने ईंधन पर लगने वाले कर को कम किया था और राज्य सरकारों से भी इसे कम करने को कहा था। जिसमें से कई राज्यों ने इसे माना और कई ने इसे नहीं माना।

    वहीं महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, झारखंड जैसे राज्यों ने वैट में कोई भी कमी नहीं की। जिसके कारण यहां की जनता को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। वहीं सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी के आवाहन के बाद अब राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार ईंधन पर से वैट कम करने का विचार कर रही है।