अहमदनगर. मौसम (Weather) में बदलाव (Changes) का अध्ययन कर पर्यावरण (Environment) की किसी भी प्रकार की हानि को टालने के साथ खेती में अधिकाधिक उपज के लिए विभिन्न अत्याधुनिक तकनीकी प्रणाली विकसित करने का काम महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ (Mahatma Phule Krishi Vidyapeeth) में किया जाता है। इसके तहत नए-नए प्रयोग कर खेती में अधिक उत्पादन करनेवाले किसानों के खेतों का दौरा कर निरीक्षण करने के लिए विद्यापीठ के वैज्ञानिकों के एक दिन के अध्ययन का दौरा किया था। इस उपक्रम के तहत 15 वैज्ञानिकों के एक गुट ने पारनेर तहसील के निघोज गांव में उद्यान पंडित राहुल रसाल की खेती का मुआयना किया।
प्रकल्प प्रमुख डॉ. सुनील गोरंटीवार,सहप्रमुख संशोधक डॉ. मुकुंद शिंदे, प्रकल्प अधिकारी डॉ. अतुल अत्रे के मार्गदर्शन में इस अध्ययन दौरे का आयोजन किया गया था। इस दौरान वैज्ञानिकों ने राहुल पंडित द्वारा वैज्ञानिक तरीके से की जा रही मौसम आधारित आर्गेनिक खेती, अंगूर, अनार, सब्जी जैसी फसलों की खेती का निरीक्षण किया।
ड्रिप इरिगेशन का इस्तेमाल
रसाल की पूरी खेती में ड्रिप इरिगेशन का इस्तेमाल किया गया है। उसी तरह विविध प्रकार के खेती काम के लिए उन्होंने आधुनिक तकनीक का किस प्रकार इस्तेमाल किया गया है, इस बारे में वैज्ञानिकों ने जानकारी ली। खेती के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर किसानों को अध्ययन और अनुभव के आधार पर नए नए प्रयोग करने चाहिए। इससे खेती को निश्चित ही फायदा होगा। ऐसा विश्वास उद्यान मंडित राहुल रसाल ने जताया।