Some states are not ready to recall migrant workers: Thorat

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    अहमदनगर: निलनंडे बांध (Nilanande Dam) और कैनाल के लिए लगातार प्रयास करने के चलते अब जाकर कैनाल (Canal) का काम अंतिम चरण में है। निलवंडे के लिए जिन्होंने मदद की, उनका हम हमेशा ही आदर से उल्लेख करते हैं, लेकिन निलवंडे के लिए विखे पाटिल का योगदान क्या है? उसी तरह समान जलापूर्ति नीति के विरोध में संगमनेर तहसील (Sangamner Tehsil) और अकोले तहसील के लोगों के साथ हमने संघर्ष किया। तब आप चुप क्यों थे? ऐसा सवाल राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल से नाम लिए बिना विधायक बालासाहब थोरात ने किया। 

    संगमनेर तहसील के तलेगांव दिघे में 25 करोड़ रुपए के कई विकास कामों के उद्घाटन और किसान सम्मेलन समारोह में थोरात बोल रहे थे। विधायक डॉ. सुधीर तांबे की अध्यक्षता में इस कार्यक्रम के लिए दुर्गा तांबे, डॉ. जयश्री थोरात, बाबा साहब ओहोल, महेंद्र गोडगे, मिलिंद कानवडे, शंकरराव खेमनर पाटिल, बेबाताई थोरात, अमित पंडित, रामहरी कातोरे, अजय फटांगरे, बाबासाहब कांदलकर, सचिन दिघे, हौशीराम सोनवणे, सुभाष सांगले, भारत मुंगसे, संपत डोंगरे आदि उपस्थित थे।

    पूर्व मंत्री मधुकरराव पिचड ने किया था सहयेाग 

    इस कार्यक्रम में नए रूप से निर्मित ग्रामीण अस्पताल और सेवा सोसायटी इमारत का लोकार्पण किया गया। विधायक थोरात ने कहा कि हमेशा ही प्रामाणिकता और प्रचंड परिश्रम लेकर काम किया। इस कारण पूरे राज्य की राजनीति में संगमनेर का एक अलग लौकिक है। 1999 में मंत्रीपद की शपथ लेने पर निलवंडे बांध के काम को भारी गति दी। इस काम में अनेक कठिनाइयों सामना करना पड़ा, लेकिन पूर्व मंत्री मधुकरराव पिचड ने निलवंडे के काम में सहयोग दिया। आज इस काम का श्रेय लेने की कोशिश करने वालों ने निलवंडे के लिए किसी प्रकार का योगदान नहीं दिया। जिस समय हमने संगमनेर अकोले तहसील में समस्या के लिए आंदोलन किया था, उस समय ये नेता मौन रहे। ऐसी प्रखर टीका विधायक थोरात ने अपने भाषण में की। विधायक डॉ. तांबे, महेंद्र गोडगे, डॉ. जयश्री थोरात, मिलिंद कानवडे ने विचार व्यक्त किए। सरपंच कांदलकर ने प्रस्तावना की। सचिन दिघे ने सूत्रसंचालन किया। रमेश दिघे ने आभार व्यक्त किया।