अहमदनगर. राज्य सरकार (State Government) ने गैर अनुदानित शिक्षण संस्थाओं (Non-Aided Educational Institutions) के छात्रों (Students) की छात्रवृत्ति (Scholarship) की केवल 25 फीसदी रकम देने का आदेश 22 जुलाई 2021 को निकाला है। लेकिन शेष 75 फीसदी रकम कब मिलेगी इस बारे में स्पष्ट नही किया है। कॉलेजों (Colleges) को छात्रवृत्ति की रकम राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा दी जाती है।राज्य में अनेक कॉलेजों के वर्ष 2011 से छात्रवृत्ति की रकम समाज कल्याण विभाग के पास बकाया है।
छात्रों के छात्रवृत्ति की 100 फीसदी रकम
शिक्षण संस्थाओं को छात्रों के छात्रवृत्ति की 100 फीसदी रकम मिलने के लिए भारतीय जनसंसद संघटन के माध्यम से पुरे राज्यभर में जनजागरण आंदोलन किया जा रहा है। यह जानकारी भारतीय जनसंसद के संस्थापक अशोक सब्बन ने दी। छात्रवृत्ति की बकाया राशी के बारे में जानकारी देने हेतू अहमदनगर में आयोजित पत्रकार परिषद में सब्बन बोल रहे थे।
भारतीय जनसंसद के राज्य महासचिव प्रभाकर(अप्पा)कोंढालकर, अहमदनगर जिलाध्यक्ष सुधीर भद्रे, जिला महासचिव कैलास पठारे, पुणे जिला के उपाध्यक्ष राजेंद्र देशमुख, अनुदानित शैक्षणिक संस्थान संघ के अध्यक्ष रामजास झोल, अभिनव शिक्षण संस्था के राजीव जगताप समेत विविध कॉलेजों के प्रतिनिधी उपस्थित थे। प्रभाकर कोंढालकर ने बताया की, गैर अनुदानित शिक्षण संस्थाओं को राज्य सरकार छात्रों की फीस के लिए छात्रवृत्ति की रकम दी जाती है। लेकिन पिछले कई सालों से इस रकम को लेकर टालमटोल की जा रही है। अनेक कॉलेजों को वर्ष 2011 से छात्रवृत्ति की रकम नहीं मिली है।
रकम न मिलने के कारण उसका सीधा परिणाम वेतन पर होता है
गैर अनुदानित शिक्षण संस्थाओं को छात्रवृत्ति की रकम न मिलने के कारण उसका सीधा परिणाम अध्यापक और अन्य कर्मीयों के वेतन पर होता है। उचित मात्रा में वेतन न मिलने के कारण छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर और संस्थाओं पर निर्भर अनेक लघुउद्योगों पर भी असर होता है। वर्तमान में राज्य में करीब 3 हजार गैर अनुदानित शिक्षण संस्थाए है। इन संस्थाओं में ढ़ाई लाख कर्मचारी और 8 लाख छात्र इस छात्रवृत्ति की रकम पर निर्भर है।
महाराष्ट्र के लिए यह शर्मनाक बात है
राज्य सरकार विविध प्रकार के कामों के लिए हजारों करोड़ रूपए का निधी दे सकती है। लेकिन महाराष्ट्र में छात्रों के छात्रवृत्ति की 6 हजार करोड़ रूपए की रकम देने में टाल मटोल की जा रही है। प्रगतिशील महाराष्ट्र के लिए यह शर्मनाक बात है। भारतीय जनसंसद के पुणे जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र देशमुख ने कहा की, इन बातों के मद्देनजर छात्रों की गुणवत्ता पर किसी प्रकार का बुरा असर न पड़े इस के लिये भारतीय जनसंसद की ओरसे छात्र, अभिभावक और शिक्षण संस्थाओं में जनजागरण करने का आंदोलन शुरू किया है।