किसानों को कृषि विद्यापीठों के आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए

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– महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ के संचालक संशोधन डॉ.शरद गडाख का प्रतिपादन

अहमदनगर. राज्य में समय पर बारिश शुरू हो चुकी है. इस कारण खरीफ के दौरान अच्छे फसल का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है. बारिश शुरू होने के बाद अब तक करीब 180 मिमी बारिश दर्ज हुई है. इस कारण किसान अब सोयाबीन, बाजरा, तुअर जैसी फसल की बोआई की तैयारी में है, लेकिन किसानों को फसल की बोआई के समय कृषि विद्यापीठों के आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए. जिसके कारण किसानों को अधिक उत्पादन और अच्छी आमदनी हो सकती है. ऐसा प्रतिपादन राहुरी के महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ के संचालक संशोधन डॉ.शरद गडाख ने किया.

किसानों के लिए खरीफ फसल के व्यवस्थापन पर आनलाइन पध्दति से आयोजित मार्गदर्शन के दौरान डॉ.गडाख बोल रहे थे. अचटारी पुणे के संचालक डॉ.लाखन सिंह, शेतकरी प्रथम प्रकल्प के प्रमुख समन्वयक डॉ. पंडित खर्डे, सहसमन्वयक डॉ.भगवान देशमुख, डॉ.सचिन सदाफल, तहसील कृषि अधिकारी महेंद्र ठोकले, कृषि सहायक रायभान गायकवाड उपस्थित थे. डॉ.लाखन सिंह,वैज्ञानिक डॉ.नंदकुमार कुटे, डॉ.आर.टी.सूर्यवंशी आदि ने किसानों को खरीफ फसल के बारे में मार्गदर्शन किया. डॉ.पंडित खर्डे ने प्रस्तावना पेश की. डॉ.सचिन सदाफल ने कार्यक्रम का सूत्र संचालन किया.