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    अहमदनगर. महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के मामलों में गिरावट आने के बाद राज्य सरकार ने जरूरी गतिविधियों को अनुमति दी गई है। राज्य में सिनेमा हॉल से लेकर स्कूल तक सब कुछ शुरू हो चुका है। वहीं अब मंदिर समेत सभी धार्मिक स्थलों को शुरू करने की तैयारी जारी है। राज्य में नवरात्रि के पहले दिन से यानी 7 अक्टूबर से श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के दरवाजे खुलने वाले हैं।

    शिर्डी साईं बाबा मंदिर में 15 हजार और शनि शिंगणापुर मंदिर में 20 हजार भक्तों को अनुमति

    राज्य में शिर्डी साईं बाबा मंदिर और शनि शिंगणापुर मंदिर भी 7 अक्टूबर से भक्तों के लिए फिर से खुलेंगे। इस बीच अहमदनगर के जिला कलेक्टर डॉ राजेंद्र बी भोसले ने कहा, “एक दिन में शिर्डी साईं बाबा मंदिर में केवल 15,000 और शनि शिंगणापुर मंदिर में 20,000 भक्तों को अनुमति दी जाएगी।”

    पास की सुविधा

    शिर्डी में साईं बाबा मंदिर में दर्शन के लिए पास की सुविधा शुरू की गई है। साईं संस्थान के कार्यकारी अधिकारी भाग्यश्री बनायत के अनुसार एक दिन में 5,000 श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पास और ऑफलाइन पास के जरिए 10,000 श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी। मंदिर में जाने के लिए RT-PCR रिपोर्ट अनिवार्य नहीं होगी। इसके अलावा शिर्डी में रात 8.30 बजे तक कारोबार खुला रहेगा। वहीं रेस्टोरेंट केवल रात 10.30 बजे तक ही खुले रहेंगे। 

    नवरात्रि के लिए नई गाइडलाइन

    वहीं राज्य सरकार ने नवरात्रि, दुर्गापूजा और दशहरा के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत राज्य में इस साल भी सभी प्रकार के गरबा पर प्रतिबंध रहेगा। साथ ही मूर्तियों की ऊंचाई भी तय की गई है। सार्वजनिक मंडलों में मूर्ति की ऊंचाई 4 फीट और घर की मूर्ति की ऊंचाई 2 फीट होनी चाहिए। मंडलों में एक समय केवल पांच लोगों इकठ्ठा होने की अनुमति होगी। साथ ही आरती, भजन-कीर्तन और रावण दहन में भीड़ जुटाने पर प्रतिबंध रहेगा।

    प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य

    गाइडलाइन के मुताबिक मंडलों को मंडप तैयार करने के लिए नगर निगम प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। इसके लिए ऑनलाइन सेवा शुरू की गई है। प्रशासन द्वारा निश्चित किए गए आकार के अनुसार मंडप तैयार किए जाएंगे। मूर्ति प्लास्टर ऑफ पेरिस की नहीं बल्कि शाडू की होनी चाहिए।