Nagar City Bad Roads

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    अहमदनगर: जून महीने में जैसे ही बारिश शुरू हुई तभी से अहमदनगर (Ahmednagar) की सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे है। इन गड्डों को लेकर कारण विभिन्न राजनीतिक दलों ने आंदोलन (Political Parties Protest) किए, लेकिन मरम्मत को लेकर अहमदनगर महानगरपालिका प्रशासन (Ahmednagar Municipal Administration) की लापरवाही और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण नागरिकों को विगत 4 महीने से गड्डों की समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं।

    जून में शहर और परिसर में बारिश ने दस्तक दी थी। इस वर्ष लगातार तीन महिने से अधिक समय से बारिश जारी है। शहर की प्रमुख सड़कों के साथ छोटी-छोटी गलियों में बड़े-बड़े गड्डे हो गए हैं। विशेष बात है कि शहर की एक-दो सड़कों को छोड़ दें तो सभी सड़कों की स्थिति काफी बदहाल बनी हुई है। अहमदनगर शहर में कोठी से आनंदऋषि हॉस्पिटल, बालिकाश्रम रोड, केडगांव देवी रोड की ही स्थिति अच्छी है।

     बाइपास की स्थिति भी खराब 

    शहर के सर्जेपुरा,नालेगांव, लक्ष्मीकारंजा, तिलक रोड, न्यू तिलक रोड, आयुर्वेद कॉलेज, चितले रोड, सावेडी परिसर में प्रोफेसर कॉलोनी रोड, पाइपलाइन रोड, नरहरीनगर रोड, निर्मलनगर की रोड पर गड्डे ही गड्डे हो गए हैं। शहर में अधिकांश छोटे-बड़े नालों पर अतिक्रमण होने के कारण नालों का पानी सीधे सड़कों पर आ रहा हैं। शहर के बाहर से गुजरने वाली बाइपास की स्थिति भी खराब है। बाहर से गुजरने वाले वाहन भी शहर के अंदर से ही जा रहे है जिसकी वजह से गड्डों की संख्या काफी बढ़ गई है। शहर में  उचित योजना नहीं होना, कई निर्माण कार्यों को गैरकानूनी रूप से मंजुरी देने, सड़कों की मरम्मत के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद योजना के अभाव के कारण सड़कों का यह हाल है।

    कई वाहन हादसे का शिकार 

    अब नागरिक सवाल उठा रहे है कि सड़कों पर गड्डे है या गड्डों मे सड़कें। बारिश के दौरान सड़कों के गड्डों में पानी भरने से गड्डे की गहराई का अंदाज नहीं लगने पर कई वाहन हादसे का शिकार हुए है। कई लोगों को गंभीर चोटें लग चुकी है। कई लोगों को गड्डों की समस्या के कारण रीढ की हड्डी और कमर दर्द की समस्या से परेशान है। सड़कों की स्थिति खराब होने के कारण शहर में विभिन्न राजनीतिक दलों ने आंदोलन भी किए। महानगरपालिका में इन दिनों शिवसेना सत्ता में है। 

    जल्द से जल्द हो सड़कों की मरमम्त का काम

    आंदोलनों के दौरान महापौर और महानगरपालिका कमिश्नर ने तुरंत सड़कों की मरम्मत कराने का आश्वासन भी दिया। गणेशोत्सव के पहले शहर को गड्डों से मुक्त कराने का आश्वासन महापौर ने दिया था। दही हंडी, मुहर्रम, गणेशोत्सव जैसे बड़े त्यौहारों के दौरान महानगरपालिका प्रशासन ने सड़कों की मामूली मरम्मत कराने का काम जरूर किया। महापौर, नगरसेवक, महानगरपालिका के अधिकारियों ने मरम्मत के दौरान फोटो सेशन कर प्रसिध्दि भी पाई, लेकिन काम की गुणवत्ता को लेकर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। अब मानसून की वापसी की बारिश शुरू हो गई है। ऐसे में नवरात्रि और दिवाली तक इन गड्डों से छुटकारा मिलना असंभव लग रहा है।  शहर के नागरिक अब महानगरपालिका प्रशासन से जल्द से जल्द सड़कों की मरम्मत कराने की मांग कर रहे हैं। 

    वकील ने महानगरपालिका कमिश्नर को भेजा नोटिस 

    प्राप्त जानकारी के अनुसार, शहर के एक वकील ने सीधे महानगरपालिका कमिश्नर को नोटिस भेजा है। सड़कों की घटिया स्थिति के कारण उनका हादसा हुआ। इसके लिए महानगरपालिका को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही याद दिलाया है कि महानगरपालिका शहर में प्रापर्टी टैक्स, जल टैक्स वसूलती है। इसलिए सड़कों की मरमम्त कराने की जिम्मेदारी महानगरपालिका प्रशासन की है। साथ ही उन्होंने शहर की सड़कों की मौजूदा स्थिति, मरमम्त किए जाने वाली सड़कों ,जलापूर्ति आदि के बारे में विस्तार से जानकारी देने की मांग भी की है।