Water supply scheme of beef is stagnant since year

पातुर. शहर की जलापूर्ति सुचारू रुप से हो सके इस उद्देश्य से 11 करोड़ रू. खर्च करके निर्मल सुजल योजना की पानी की टंकियों का निर्माण किया गया था. लेकिन वहां तक पानी अभी तक न पहुंचने के कारण वह पानी की टंकियां खाली पड़ी हुई है. शहर के लोगों के लिए नगर परिषद ने 36 सार्वजनिक नलों के स्टैण्ड लगाए थे. लेकिन जल प्राधिकरण का 2 करोड़ का बिल नप की तरफ बाकी होने के कारण जल प्राधिकरण ने जलापूर्ति बंद की थी.

पानी की समस्या दूर करने के लिए सरकार ने सन 2012-13 में नगर परिषद को 11 करोड़ रूपयों की निधि निर्मल सुजल योजना के अंतर्गत दी थी. लेकिन 9 वर्षो के बाद भी यह काम पूरा नही हो सका. यह जिम्मेदारी कॉंट्रैक्टर की थी, विलंब होने के कारण संबंधित कॉंट्रैक्टर पर प्रतिदिन 10,000 रू. दंड पातुर नप की मुख्याधिकारी सोनाली यादव ने लगाया था.

उस अनुसार कॉंट्रैक्टर की तरफ डेढ़ करोड़ रू. दंड की रकम बाकी है. लेकिन उसने अब तक इस दंड की राशि का एक रुपयां भी नहीं भरा है. लोगों की मांग है कि यह जिम्मेदारी पातुर नप ने अनुभवी कॉंट्रैक्टर को देनी चाहिए. दंड की राशि भरने के लिए नप मुख्याधिकारी ने कॉंट्रैक्टर को नोटिस भी भेजी है.