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    अकोला. जिले में खसरे जैसे बुखार के 16 मरीज मिले हैं और उनके सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं. पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ शहरों में खसरे के मरीज मिलने से अन्य कई जगहों की स्वास्थ्य व्यवस्था अलर्ट हो गई है. इसे देखते हुए अकोला जिले में भी इस संबंध में सतर्कता बरती जा रही है.

    खसरे के टीकाकरण को लेकर सतर्क रहें

    खसरे के संदर्भ में जिला शल्य चिकित्सक डा.तरंगतुषार वारे से पूछने पर उन्होंने बताया कि, बच्चों को सर्दी, खांसी, बुखार, शरीर पर दाने होने पर माता-पिता सतर्क हो जाएं. निजी के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों में भी इलाज लिया जा सकता है. इसी तरह खसरे के टीके को लेकर भी सावधान रहें. खसरे पहली खुराक 15 से 18 महीने के बच्चों को दी जाती है और दूसरी खुराक बच्चों के स्कूल जाने पर दी जाती है. बच्चों को खसरे का टीका अवश्य लगवाना चाहिए. क्योंकि खसरा बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी हो सकता है. फिलहाल ग्रामीण क्षेत्रों में 10 और शहरी क्षेत्रों में 6 संदिग्ध मरीज मिले हैं.

    संदिग्ध के सैंपल जांच के लिए भेजे गए

    मुंबई और अन्य जगहों पर खसरे के मामलों की वजह से नहीं, बल्कि महामारी की वजह से हर महीने मरीजों की जांच की जाती है. इसमें खसरे के मरीज भी शामिल हैं. साथ ही इसी माह के संदिग्धों के सैंपल लैब में भेजे गए हैं. मई माह तक यह मरीज ठीक हो चुके हैं.

    डॉ. विनोद करंजीकर (मातृ एवं शिशु देखभाल अधिकारी)