राज्य स्तर पर हो बीपीएल परिवारों का पुनर्सर्वेक्षण, महापौर अर्चना मसने ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

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    अकोला. राज्य स्तर पर बीपीएल परिवारों का पुनर्सर्वेक्षण करने की मांग को लेकर महापौर अर्चना मसने ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है. इस माध्यम से दिए निवेदन में कहा गया है कि शासन स्तर पर बीपीएल परिवारों का सर्वे करना चाहिए ताकि जनगणना या अन्य पिछड़ा वर्ग की जानकारी के संदर्भ में इम्पेरिकल डाटा संकलित कर बीपीएल सर्वे किए जाने पर महाराष्ट्र की मनपा, नपा क्षेत्र के नागरिकों को इस लाभ पहुंचाया जा सके. इसके लिए बीपीएल परिवारों का नया सर्वेक्षण कराने के लिए स्वतंत्र सरकार का निर्णय जारी किया जाए. इस आशय का पत्र महापौर अर्चना मसने ने मुख्यमंत्री को भेजा है. 

    इस पत्र में कहा गया है कि इससे पहले शहरी क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन योजना, नेहरू रोजगार योजना, गरीबों के लिए सिविल सेवा योजना, प्रधानमंत्री गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम, स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना के नाम से विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही थीं. सन 2014 के बाद राष्ट्रीय शहरी आजीविका अभियान के नाम से दीनदयाल अंत्योदय योजना लागू की गयी है.

    जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, पिछली योजना के कार्यान्वयन के लिए शहरी क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की गणना 1997-98 के मूल्य स्तर के अनुसार की गई थी. उस समय मासिक आय की सीमा 419.98 रुपये प्रति व्यक्ति तय की गई थी. यह जीआर आज बहुत पुराना हो गया है.

    पिछले 25 वर्षों में शहरी परिवारों के जीवन स्तर में भारी बदलाव आया है, आज की मुद्रास्फीति दर उस समय की तुलना में बहुत अधिक है, इसलिए प्रति व्यक्ति आय की परिभाषा और उस समय की तुलना में आय में बहुत बड़ा अंतर है. साथ ही, सरकार की विभिन्न पहलों के कारण, 25 साल पहले जो गरीब थे, वे अब गरीबी रेखा से ऊपर चले गए हैं, या, दूसरी ओर, विभिन्न स्थितियों जैसे मंदी, महामारी, कोरोना आदि के कारण लॉकडाउन लगाने से गरीबी रेखा से उपर के परिवार गरीबी रेखा से नीचे आ गए हैं.

    25 वर्षों में हुए कई बदलाव

    पत्र में बताया गया है कि उपर्युक्त शासनादेश के अनुसार किये गये सर्वेक्षण में परिवारों को जारी किये गये गरीबी रेखा प्रमाण पत्र में बड़ी संख्या में त्रुटियां हैं. 25 साल की इस अवधि के दौरान परिवार में कई लड़कियों की शादी के कारण परिवार में उनकी संख्या में कमी आई है, या बच्चों की शादी के कारण घर में नई दुल्हनें आई हैं. इसी तरह, कुछ वृद्ध लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि अन्य कइयों का जन्म होकर वे अब युवा हुए हैं. नतीजतन, उस समय गरीबी रेखा के नीचे की सूची में काफी बदलाव आया है. 

    गरीबी रेखा प्रमाण पत्र विभिन्न योजनाओं उपयोगी

    गरीबी रेखा प्रमाण पत्र विभिन्न योजनाओं जैसे बचत समूह में भागीदारी, बैंक से ऋण प्राप्त करना, कौशल प्रशिक्षण, महात्मा फुले जनारोग्य योजना, प्रधान मंत्री जनारोग्य योजना आदि में लाभार्थियों के लिए उपयोगी है. इसलिए बड़ी संख्या में नागरिक इस तरह के प्रमाण पत्र के लिए महापौर के रूप में मेरे पास आते हैं. लेकिन गलत और कालबाह्य प्रमाणपत्रों के कारण पात्र नागरिकों को सरकार की विभिन्न योजनाओं से वंचित होना पड़ता है. जिससे यह सर्वेक्षण जल्द से जल्द करवाया जाये, यह मांग महापौर अर्चना मसने की मुख्यमंत्री से की है.