- नहीं मिला फसल कर्ज
अकोला. प्राप्त जानकारी के अनुसार लाकडाउन के कारण इस बार फसल कर्ज वितरण में तेजी नहीं रही. अब तक करीब 52 प्रश किसानों को फसल कर्ज दिए जाने की जानकारी मिली है. करीब 67 हजार 225 किसानों को फसल कर्ज मिला है लेकिन करीब 70 हजार किसानों को अभी भी फसल कर्ज मिलना बाकी है.
अब जबकि लाकडाउन में काफी ढील दी गई है, कई किसानों का कहना है कि जब लाकडाउन शुरू था, बैंकों को खोलने के लिए काफी कम समय दिया जाता था. ऐसे समय में किसानों को कई कई बार बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते थे क्योंकि दोपहर के समय लाकडाउन के कारण बैंक जल्दी बंद हो जाती थी.
इसी कारण से फसल कर्ज प्रकरण मंजूर होने में काफी समय लग जाता था. कई किसानों ने बताया कि उन्हें बैंक से कर्ज मंजूर करवाने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों से जिला मुख्यालय में आना पड़ता था. उस पर उस समय एसटी बसें भी बंद थीं और इस कारण उन्हें आने जाने में काफी तकलीफ होती थी.
कुछ किसानों ने बताया कि वे अपने दुपहिया वाहन से अकोला आना जाना करते थे अब जब कि लाकडाउन में काफी ढील दी गई है और एसटी बसें भी शुरू हो गई हैं. और बैंकों के खुलने और बंद होने का समय भी अब पहले के समान हो गया है. बैंकों का काम है कि जिन किसानों को अभी तक फसल कर्ज नहीं मिला है, सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए उन किसानों के कर्ज प्रकरण तुरंत मंजूर किए जाने चाहिए.
615 करोड़ से अधिक कर्ज वितरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार नागरी बैंकों द्वारा 12,479 किसानों ने 121 करोड़ 68 लाख कर्ज वितरण किया गया है. इसी तरह निजी बैंकों द्वारा 220 किसानों में 3 करोड़ 49 लाख, डीसीसी बैंक द्वारा 48, 389 किसानों में 426 करोड़ रू. कर्ज वितरण किए गए हैं. विदर्भ कोकण बैंक द्वारा 6,137 किसानों में 60 करोड़ 92 लाख रू. कर्ज वितरित किए जाने की जानकारी मिली है. पिछले काफी लंबे समय तक लाकडाउन होने के कारण कर्ज वितरण की गति काफी धीमी रही है.