- जिलाधिकारी नीमा अरोरा द्वारा निर्देश
अकोला. बारिश के दौरान अतिवृष्टि, आंधी और बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने तथा आपदा के दौरान तथा उसके बाद सहायता व बचाव कार्य करने हेतु सभी प्रणाली परस्पर समन्वय व संपर्क बनाए रखें. सभी विभाग सतर्क रहते हुए कार्य करें. यह निर्देश जिलाधिकारी नीमा अरोरा ने मानसूनपूर्व तैयारी का जायजा लेने हेतु आयोजित बैठक में दिए.
जिले में बाढ़ की दृष्टि से 77 गांव संवेदनशील
यहां जिले के मानसून व उसके लिए की गई पूर्वतैयारियों का प्रेजेंटेशन किया गया. उपस्थित अधिकारियों को बताया गया कि जिले में जून से सितंबर तक 693.7 मि.मि. बारिश अपेक्षित होती है. जिले में मध्यम व छोटे सहित कुल 38 प्रोजेक्ट हैं, मगर कभी-कभी अतिवृष्टि तथा नदियों के पाणलोट क्षेत्र (कैचमेंट एरिया) में अतिवृष्टि की वजह से नदियों में जलस्तर व प्रवाह में वृद्धि, बांधों के लबालब भर जाने की वजह से पानी छोड़े जाने से बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है.
इस तरह की स्थिति पैदा होने पर सभी प्रणाली को सतर्कता की चेतावनी देने, बाढ़ पीड़ित गांवों सहायता व बचाव यंत्रणा तैयार रखने, नागरिकों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने जैसे कार्यों के लिए हमेशा तैयार रहने के लिए योजना बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए. यह भी कहा गया कि ऐसी स्थितियों में बिजली की आपूर्ति खंडित हो जाती है. उसे यथासंभव शीघ्रातिशीघ्र पूर्ववत करने तथा आंधी से गिरने वाले वृक्षों को हटाने हेतु प्रणाली हमेशा चौकस रखने के निर्देश दिए गए. यह भी बताया गया कि जिले में बाढ़ की दृष्टि से 77 गांव संवेदनशील हैं.
नियंत्रण कक्ष स्थापित करें
इस तरह की स्थिति को नियंत्रित करने हेतु जिला व तहसील स्तरों पर 24 घंटे कार्यरत रहने वाले नियंत्रण कक्ष स्थापित करने तथा ऐसी स्थिति की जानकारी तुरंत जिला नियंत्रण कक्ष को पहुंचाने व गांव व तहसील स्तर पर आपदा के दौरान सहायता प्रदान करने वाले व्यक्तियों व संस्थाओं की जानकारी जिला नियंत्रण कक्ष को देने हेतु नियोजन करने के भी निर्देश बैठक में दिए गए.
जिलाधिकारी कार्यालय के नियोजन भवन में आयोजित उक्त बैठक में जि.प. के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. सुभाष पवार, गृह विभाग के पुलिस उप अधीक्षक शिंदे, निवासी उप जिलाधिकारी संजय खड़से, जिला शल्य चिकित्सक डा. तरंगतुषार वारे, महावितरण के अधीक्षक अभियंता पवनकुमार कछोट, सभी उप विभागीय अधिकारी, तहसीलदार, सभी नगर पालिकाओं के मुख्याधिकारी, मनपा के अधिकारी, गुटविकास अधिकारी तथा सहायता व पुनर्वसन से संबंधित सभी प्रणाली के अधिकारी आदि उपस्थित थे.