अकोला. राज्य के विभिन्न स्थानों पर विभिन्न समय ‘जीरो शैडो डे’ देखा जा रहा है. अकोला में खड़की स्थित गजानन महाराज मंदिर के प्रांगण में विश्वभारती विज्ञान केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने ‘जीरो शैडो डे’ का अनुभव व लुत्फ उठाया.
अध्यक्ष मधुकर आढ़े गुरुजी, शिक्षणाधिकारी सुचेता पाटेकर, वैकुंठराव ढोरे, सुरेश शिरसाट, एस.के. वाहुरवाघ, रामभाऊ बिड़कर एवं चोपड़े मैडम की प्रमुख उपस्थिति में हुए इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम अतिथियों का स्वागत किया गया. प्रास्ताविक भाषण प्रा. पोलकट ने दिया. इस विषय के गहन अभ्यासक एवं विश्वभारती के संचालक प्रभाकर दोड़ ने इस दिवस का महत्व तथा यह कहां व कैसे होता है, इस विषय में विस्तृत जानकारियां दीं.
शिक्षणाधिकारी ने अपने संबोधन में समाज व विद्यार्थियों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जागरुकता निर्मित करने पर जोर दिया. कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर अपनी शैडो कुछ क्षणों के लिए गायब हो जाने का आनंद उठाया. श्रीकृष्ण बोचे ने आभार माना. सारंगधर कराले, अतुल काले, अजय शेलके, श्रीकृष्ण सरोदे, हरीश दोड़, राहुल दादा एवं स्थानीय निवासियों ने सफलतार्थ सहयोग दिया.