अकोला. मौसम कैसा भी हो किसानों के संकट खत्म होने का नाम नहीं लेते दिख रहे हैं. इस बीच, पिछले छह महीनों में जिले के 73 किसानों ने फसल न होने, कर्ज और बेमौसम बारिश के कारण आत्महत्या कर अपनी जान गंवा दी है. आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करती है. पिछले तीन वर्षों में 418 किसानों ने आत्महत्या की है. सूत्रों के अनुसार इनमें से 306 परिवार सहायता के लिए पात्र ठहराए गए हैं और 69 परिवार अपात्र पाए गए हैं.
पिछले साल के खरीफ सीजन के दौरान और अब रबी सीजन के दौरान भी भारी बारिश और बेमौसम बारिश ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. जिसके कारण पिछले छह महीनों में 73 किसानों ने कर्ज और फसल न होने के कारण अपनी जीवनयात्रा समाप्त कर दी हैं. इनमें से 34 मामले सरकारी सहायता के पात्र हैं और 5 मामले अपात्र हैं. 34 मामलों में जिला स्तरीय समिति ने पुन: जांच के आदेश दिए हैं.
अयोग्य मामलों में समिति ने रिपोर्ट दी है कि संबंधित किसान को शराब की लत, मानसिक बीमारी के कारण आत्महत्या की, वह कर्ज में नहीं था, खेती के कारण आत्महत्या नहीं की है. सूत्रों के अनुसार आत्महत्या करने वाले किसान परिवार की सरकार मदद करती है. जिला स्तरीय समिति की बैठक यह सुनिश्चित करने के लिए होती है कि आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार सरकारी सहायता के पात्र हैं या नहीं हैं, लेकिन विभिन्न कारणों से आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार सहायता के पात्र नहीं पाए जाते हैं. प्रकृति की मार हर साल किसानों पर छा जाती है.
अत्यधिक वर्षा और असमय बारिश के कारण बुवाई और खेत को लगने वाला लागत खर्च भी नहीं निकल पाता है. ऐसे में बैंक किसानों को अधिकतम कर्ज भी नहीं देता है क्योंकि बकाया चुकाया नहीं जा रहा है. ऐसे में किसानों के पास निजी साहूकारों के पास जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाता है. जिससे किसान इस बोझ को सहन नहीं कर पाते है और आत्महत्या जैसे चरम कदम उठा लेते हैं. 2021 में 21 से 24 जुलाई, सितंबर में 6 से 8 और 20 से 28 इसी तरह 28 दिसंबर, 8 और 9 जनवरी को बेमौसम बारिश हुई थी. इस दौरान बारिश से सभी तरह की फसल प्रभावित हुई.
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माह कि.आत्महत्या पात्र अपात्र पुनर्जांच
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जुलाई 12 08 01 03
अगस्ट 11 07 02 02
सितंबर 10 08 02 00
अक्टूबर 19 08 00 11
नवंबर 14 03 00 11
दिसंबर 07 00 00 07
पिछले तीन साल में 418 आत्महत्याएं!
सन 2019 में कुल 124 किसानों ने आत्महत्या की हैं. इनमें से 105 मामलों को सहायता के लिए पात्र घोषित किया गया और 19 मामलों को अपात्र घोषित किया गया है. सन 2020 में कुल 157 किसानों ने आत्महत्या की हैं. इनमें से 116 पात्र थे और 37 सरकारी सहायता के लिए अपात्र थे. वहीं सन 2021 में कुल 137 किसानों की आत्महत्याएं हुई है. इनमें से 85 मामले सहायता के लिए योग्य घोषित किए गए और 13 मामले अयोग्य घोषित किए गए हैं.