
अकोला. दो साल पहले गांजा रखने के प्रकरण में जिला व सत्र न्यायाधीश शयना पाटिल की अदालत ने आरोपित को पुख्ता सबूत के अभाव में निर्दोष बरी कर दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना 22 जुलाई, 2021 को हुई थी. ग्राम निहिदा निवासी पवन जाधव और उसके साथियों द्वारा मोटर साइकिल पर अवैध मादक पदार्थ ले जाने की सूचना मिलने पर पिंजर पुलिस ने जाल बिछाया और बाइक को रोककर तलाशी ली जिसके बाद पवन जाधव और दिगंबर वक्टे के पास से 24 किलो 300 ग्राम गांजा बरामद किया गया था.
सहायक पुलिस निरीक्षक महादेव पडघन की शिकायत पर एंटी-नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. जांच के दौरान नाम सामने आने के बाद चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था. इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की संख्या बढ़कर छह हो गई. जांच के बाद सभी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी. न्यायमूर्ति शयना पाटिल की अदालत में मामले की सुनवाई हुई.
बचाव पक्ष के वकील दिलदार खान ने दलील दी कि पिंजर पुलिस ने मादक पदार्थ विरोधी कानून के तहत दर्ज मामले में कानून के अनिवार्य प्रावधानों का पालन नहीं किया. अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया और मामले में सभी संदिग्धों को बरी कर दिया. इस तरह के दर्ज मामले में जांच की पृष्ठभूमि में पुलिस विभाग के पास कुछ दिशानिर्देश हैं. शायद आरोपितों को इसका सही तरीके से पालन न करने का फायदा मिला.