कृषि प्रसंस्करण उपकरण के निर्माण पर समझौता, कृषि विश्वविद्यालय और निजी कृषि

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    • मशीनरी निर्माताओं के बीच समन्वय

    अकोला. कृषि प्रसंस्करण समय की मांग है. इसके लिए जरूरी है कि नई कृषि प्रसंस्करण मशीनरी विकसित की जाए और किसानों या उद्यमियों तक इसकी पहुंच बनाई जाए. विश्वविद्यालय द्वारा विकसित तकनीक को किसानों तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य मशीन निर्माताओं द्वारा किया जा रहा है. यह उत्पादक वर्तमान में किसान और विश्वविद्यालय के बीच की कड़ी हैं.

    कटाई के बाद इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, डा.पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों के लिए विकसित कृषि-प्रसंस्करण उपकरण लाने के लिए कृषि विश्वविद्यालय और पांच अलग-अलग निजी कृषि-प्रसंस्करण उपकरण निर्माताओं के बीच हाल ही में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं.

    कार्यक्रम की अध्यक्षता डा.पंदेकृवि के उप कुलपति डा.विलास भाले ने की. इस अवसर पर संशोधन संचालक डा.वी.के. खर्चे, विस्तार शिक्षा संचालक डा.आर.एम. गाडे, कृषि अधीष्ठाता डा.एम.बी. नागदेवे, कुल सचिव डा.एस.आर. कालबांडे, कृषि अभियांत्रिकी अधीष्ठाता डा.एस.बी. वडतकार उपस्थित थे.

    इसी तरह निजी कृषि यंत्र निर्माताओं में मे.श्रीजलाराम इंजिनीअरिंग, अकोला, मे.ज्ञानेश्वरी दाल मील, अहमदनगर, मे. माऊली एग्रो., अहमदनगर, मे.बंड ब्रदर्स, अकोला और मे.पलक उद्योग, अकोला के संचालक उपस्थित थे. प्रास्ताविक भाषण में डा.एस.बी. वडतकर ने कहा कि फसलोत्तर इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी के तहत विभिन्न कृषि प्रसंस्करण उपकरणों और विकसित उन्नत प्रौद्योगिकियों के संबंध में अच्छी तरह से विकसित उपकरण सफल होते हैं.

    आज पांच कृषि प्रसंस्करण मशीन निर्माताओं के साथ पीकेवी मिनी दाल मिल, पीकेवी क्लीनर ग्रेडर, पीकेवी प्याज ग्रेडिंग मशीन इन फसल कटाई के बाद कृषि प्रसंस्करण मशीनरी के उत्पादन के लिए समझौता करार होने की जानकारी दी गयी. 

    उद्यमियों द्वारा की गई पहल लाभकारी होगी-विलास भाले

    कृषि विश्वविद्यालय और निजी उत्पादक के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर करके प्रक्रिया को पूरा किया गया. सुलह समझौते पर उप कुलपति विलास भाले ने प्रसन्नता व्यक्त की. विश्वविद्यालय ने ऐसी प्रौद्योगिकियां विकसित की हैं जो किसानों के लिए उपयोगी हैं. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कृषि-प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों द्वारा की गई पहल लाभकारी होगी.

    उन्होंने निर्माताओं से उपकरणों की गुणवत्ता पर ध्यान देने और बिक्री के बाद सेवा प्रदान करने की अपील की. संचालन डा.वी.एन. मते, आभार प्रदर्शन अनुसंधान अभियंता डा.पी.एच. बकाणे ने किया.