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    • सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रही पाबंदी

    अकोला. आज किसानों के साथ साथ सभी लोगों ने पोला का त्यौहार अपने घरों में ही मनाया. वैसे भी खेतों में ट्रैक्टरों का उपयोग अधिक होने के कारण बैलों की संख्या में काफी कमी आयी है. आज से तीन चार दशक पहले यह परिस्थिति थी कि सभी छोटे से बड़े किसान के पास एक बैलजोड़ी रहा करती थी. अब वैसी परिस्थिति नहीं है. इसी तरह कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पोला के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगायी गयी है. शायद इसी कारण आज ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहर तक पोला की चहल पहल कहीं दिखाई नहीं दी.

    आज पोला के दिन किसान बैलों को नहला धुला कर उन्हें बहुत ही खूबसूरती से सजाते हैं और उनकी पूजा करते हैं. आज उनसे खेतों में काम भी नहीं लिया जाता है. इसी तरह उन्हें गुड़ आदि भी खिलाया जाता है. आज किसानों के साथ साथ सभी लोगों ने यह त्यौहार अपने अपने खेतों और घरों में मनाया. सड़कों पर भी कोई भीड़ नहीं दिखाई दी.

    प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी किसानों ने बैलों को सजाने के लिए विविध सामग्री खरीदी लेकिन आज सामग्री खरीदने के लिए किसानों की भीड़ नहीं दिखाई दी है. इस तरह कोरोना वायरस के कारण पोला का उत्साह काफी ठंडा देखा गया है. अकोला शहर के साथ साथ जिले की सभी तहसीलों में इस प्रकार की स्थिति दिखाई दी है. 

    विधायक सावरकर ने मनाया पोला

    अकोला पूर्व विधान सभा चुनाव क्षेत्र के विधायक रणधीर सावरकर ने आज पोला के अवसर पर बैलजोड़ी की पूजा की और पोला त्यौहार अपने घर में ही मनाया. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी लोग पोला अपने घर में ही मना रहे हैं. 

    आज तान्हा पोला

    पोला त्यौहार के दूसरे दिन यानि मंगलवार को छोटे छोटे बच्चों द्वारा तान्हा पोला मनाया जाएगा. बच्चों के लिए बाजारों में मिट्टी के तथा लकड़ियों के बैलों की प्रतिमाएं उपलब्ध थी. जिसकी पोले के दिन पूजा अर्चना कर दूसरे दिन तान्हा पोला के दिन बच्चों द्वारा पोला मनाया जाएगा. बच्चों में पोले का हर्ष है. लेकिन इस वर्ष कोरोना की वजह से बच्चों को घूम घूम कर तान्हा पोला मनाते नहीं आएगा.