
अकोला. शासकीय सेवा में कायम करने समेत विभिन्न प्रलंबित मांगों को लेकर आशा वर्कर्स और गट प्रवर्तक संगठन की अकोला जिला शाखा की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना दिया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री को निवेदन सौंपा और प्रलंबित मांगों की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को कायम रखा जाए, आशा व गट प्रवर्तकों को सरकारी सेवा में कायम किया जाए, आशा कार्यकर्ताओं को बढ़ती महंगाई के हिसाब से 18 हजार रुपए प्रतिमाह, गट प्रवर्तकों को 21 हजार रुपए प्रतिमाह व 325 रुपए यात्रा भत्ता दिया जाए, आशा और गट प्रवर्तकों को छह माह का मातृत्व अवकाश दिया जाए, बढ़ती महंगाई को देखते हुए सर्वे का पारिश्रमिक 20 रुपए प्रति परिवार की दर से दिया जाए इन व अन्य मांगों को लेकर आशा वर्कर्स एंड गट प्रवर्तक एसोसिएशन, अकोला जिला शाखा की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना दिया गया.
इस आंदोलन में संगठन के जिलाध्यक्ष राजन गावंडे, सचिव संध्या पाटिल, रूपाली धांडे, मीना गेबड, उज्ज्वला डोबाले, कविता डोंगरे, ज्योति कोकणे, कालिंदा देशमुख, संगीता माहोरे, जयश्री देशमुख, रंजना वानखडे, कविता देशमुख, शोभा तायड़े, मीना जंजाल, रजनी कुरोडे, माधुरी पतिंगे, राजकन्या इंगले, रूपाली धांडे, माया शेंडे, संगीता पाटोले आदि सहित जिले की आशा स्वयंसेविका व गट प्रवर्तक बड़ी संख्या में शामिल हुए.