Italian doctor caught with woman in a hotel room, had offered to cure her through sex
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  • अकोला के जिलाधिकारी, निवासी उप जिलाधिकारी और सिविल सर्जन ने

अकोला. 21 मार्च से अकोला में लाकडाउन शुरू हो गया था. 7 अप्रैल 2020 को अकोला में कोरोना वायरस का पहला संक्रमित पाया गया था. उसके बाद अकोला में कोरोना वायरस के अब तक 10,333 संक्रमित पाए गए और कोरोना वायरस के कारण 315 लोगों की मौत हुई. शुरुआत के तीन माह बहुत ही दहशत का वातावरण था. कोरोना वायरस को लेकर लोग काफी डरे हुए हैं. उस समय में कुछ वरिष्ठ अधिकारी ऐसे थे जिन्होंने लगातार काम किया और अवकाश न लेते हुए लोगों की सेवा की. 

जीतेंद्र पापलकर

अकोला के जिलाधिकारी जीतेंद्र पापलकर ने कोरोना वायरस के प्रकोप के समय शहर तथा जिले में लगातार काम किया और तो और उन्होंने इस काल में एक दिन भी अवकाश नहीं लिया और लगातार कार्यरत रहे. कोरोना वायरस को लेकर आए दिन बैठकों में अपनी लगातार उपस्थिति दर्ज कराई और जिले को मार्गदर्शन करते रहे, दौरे करते रहे. कई बार तो उन्होंने अवकाश के दिन भी जिलाधिकारी कार्यालय में आकर अपना काम किया. इस तरह उन्होंने अपने कर्तव्य का पूरी तरह निर्वाह किया है. कोरोना के प्रकोप के समय में भी वे सभी लोगों से मिलते रहे और अपना कार्य सुचारू रूप से करते रहे. 

प्रा.संजय खड़से 

निवासी उप जिलाधिकारी प्रा.संजय खड़से ने भी कोरोना वायरस के प्रकोप के समय एक दिन भी अवकाश नहीं लिया और तो और अवकाश के दिन भी लगातार कार्यरत रहे. इनकी एक विशेषता है कि वे आम आदमी का भी फोन उठाते हैं और किसी की भी समस्या हल करने के लिए लगातार तत्पर रहते हैं. शहर तथा जिले के लगातार दौरे करते रहे, लोगों से मिलते रहे. और तो और काफी समय तक वे अपने खुद के निवास स्थान पर होम क्वारंटिन रहे. क्योंकि दिन भर वे लोगों के बीच में रहते थे.

इस तरह सुबह से लेकर रात 10 से 11 बजे तक प्रा.संजय खड़से लोगों के काम करते थे. आए दिन सरकारी बैठकों में उपस्थिति के साथ साथ फिल्ड पर भी लगातार कार्यरत रहते थे. कई बार थक जाने के बाद भी वे घर जाना ठीक नहीं समझते थे, बल्कि उस परिस्थिति में भी उनके कार्यालय में उन्हें उपस्थित देखा जाता था. इस तरह कोरोना वायरस के प्रकोप के समय भी उन्होंने अपने कर्तव्य का पूरी तरह से निर्वहन किया. 

डा.राजकुमार चौहान

सिविल सर्जन डा.राजकुमार चौहान ने भी कोरोना वायरस के प्रकोप के समय लगातार कार्य किया. इसी तरह नियमित रूप से जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित बैठकों के साथ साथ, स्वास्थ्य विभाग की बैठकों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. सभी तहसीलों के दौरे किए और कोरोना वायरस के प्रसार पर नियंत्रण करने के लिए लगातार कार्य किया. और तो और अवकाश के दिन भी डाक्टर चौहान काम करते रहे. कई बार तो देर रात तक इन्होंने काम किया है. इस तरह डा.राजकुमार चौहान ने भी अवकाश न लेते हुए अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभाई है.