भारत जोड़ो यात्रा: मालेगांव में राहुल गांधी का जोरदार स्वागत

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    • दूर दूर तक दिखाई दे रहे हैं लोग ही लोग
    • यात्रा में बुजुर्गों के साथ साथ युवक, युवतियां, महिलाएं, बच्चों का भी समावेश
    • पातुर में हुआ भारत जोड़ो यात्रा का जोरदार स्वागत

    अकोला/वाशिम: वाशिम शहर तथा जिले में जोरदार स्वागत के बाद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मालेगांव में पहुंची. मालेगांव में यात्रा का जोरदार स्वागत किया गया. बुधवार को वाशिम जिले के मालेगांव में नाना मुंदडा स्कूल में यह यात्रा सुबह 10 बजे रुकी और विश्राम के बाद दोपहर 3 बजे मेडशी के लिए रवाना हुई. सड़क पर राहुल गांधी ने बच्चों से बातचीत की. उन्होंने बच्चों से जानकारी की ली कि वे किस कक्षा में हैं और आगे क्या बनना चाहते हैं.

    इस समय तहसील के आस पास के गांवों के हजारों लोग उपस्थित थे और कतार बनाकर खड़े थे. विधायक अमित झनक ने यात्रा में शामिल लोगों का स्वागत किया. जानकारी के अनुसार मालेगांव से मेडशी तक जंगल क्षेत्र होने के कारण वे कार द्वार आगे की ओर बढ़े. वहां से आगे वे अकोला जिले के पातुर की ओर निकल गए. यहां भी इतनी भीड़ हो गई थी कि भीड़ को नियंत्रण करना मुश्किल हो गया था.

    जनता की आवाज दबाइए,  इसकी गूंज आपके अहंकार को तोड़ेगी- राहुल गांधी

    मेडशी और पातुर में राहुल गांधी ने कहा कि जब भी हम संसद में जीएसटी, अग्निवीर या नोटबंदी आदि कोई भी मुद्दा उठाते हैं माइक बंद कर दिया जाता है. मोदीजी कब तक आप जनता की आवाज दबाएंगे, इसकी गूंज आपके अहंकार को तोड़ेगी. जब हमारी आवाज सरकार नहीं सुन रही है तब जाकर हमें भारत जोड़ो यात्रा निकालनी पड़ी है. राहुल गांधी ने मेडशी और पातुर में लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याएं समझी.    

    पातुर में हुआ भारत जोड़ो यात्रा का जोरदार स्वागत

    अकोला जिले के पातुर शहर में बुधवार की रात भारत जोड़ो यात्रा का जोरदार स्वागत किया गया. इस अवसर पर महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता तथा बचत गुट की महिलाओं ने महाराष्ट्र की पारंपरिक वेशभूषा में महाराष्ट्रीयन पध्दति से तिलक लगाकर राहुल गांधी का स्वागत किया. इस अवसर पर लोगों में भारी उत्साह देखा गया. इस यात्रा में कांग्रेसी नेता जयराम रमेश, नाना पटोले, माणिकराव ठाकरे, कन्हैया कुमार, प्रणीति शिंदे, अमित झनक आदि यात्रा के साथ आए. कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह भी यात्रा में आगे चलने के लिए पातुर पहुंच गए हैं. प्रा. श्याम मानव, मेधा पाटकर भी पातुर पहुंच गई.

    यात्रा के पातुर पहुंचने पर यहां के कांग्रेसी नेता नितिन राऊत, बी. आई. नगराले, जिया पटेल, एड. नतिकोद्दीन खतीब, प्रा. अजहर हुसैन, लक्ष्मणराव तायडे, अशोक अमानकर, बाबा सिद्दीकी, एड. यशोमति ठाकुर, प्रशांत गावंडे, बबन चौधरी, मदन भरगड, प्रकाश तायडे, मनीष मिश्रा, बुरहान भाई, डा. प्रशांत वानखडे, साजिद खान पठान, अविनाश देशमुख, प्रशांत प्रधान, डा. जीशान हुसैन, सैयद बुरहान, सैयद कमरोद्दीन, शेख मुख्तार, चंदू बारताठे, सैयद मुजाहिद, सैयद मुजम्मिल आदि के साथ साथ हजारों की भीड़ ने किया उनका स्वागत किया. 

    जहां महात्मा गांधी ने सभा ली थी, वहीं करीब 90 वर्षो बाद राहुल गांधी पहुंचेंगे

    यह उल्लेखनीय है कि अकोला जिले की बालापुर तहसील में स्थित वाडेगांव में 17 नवंबर को राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा पहुंचेंगी. यहीं पर 18 नवंबर 1933 को राष्ट्र पिता महात्मा गांधी ने सभा ली थी. और वाडेगांव की बारडोली ऑफ बेरार इस तरह से संबोधित किया था. अब उसी वाडेगांव में राहुल गांधी पहुंच रहे हैं. वाडेगांव में महात्मा गांधी से प्रेरणा लेकर 1933 में करीब 370 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तैयार हुए थे. इसी तरह 1932 में जो नमक सत्याग्रह हुआ था. उसमें वाडेगांव, पारस और आलेगांव के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए थे. 

      

    पातुर, बालापुर मार्ग पर तगड़ा पुलिस बंदोबस्त

    भारत जोड़ो यात्रा में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने दोपहर 3 के बाद पातुर, बालापुर मार्ग पर यातायात बंद कर दिया. इस कारण इस मार्ग से आनेजानेवाले लोगों ने अपने काम 3 बजे के अंदर पूरे कर लिए थे. इस मार्ग पर तगड़ा पुलिस बंदोबस्त लगाया गया है. पुलिस द्वारा लगातार गश्त शुरू है. 

    पातुर की सांई बाबा जीनिंग फैक्ट्री में राहुल गांधी के निवास की व्यवस्था

    बुधवार की रात राहुल गांधी के निवास की व्यवस्था पातुर में स्थित सांई बाबा जीनिंग फैक्ट्री के कम्पाऊंड में की गई है. यहां पर दिल्ली से आए 500 कारीगरों ने निवास हेतु कैम्प का निर्माण किया गया है. राहुल गांधी के साथ पदयात्रा में शामिल करीब 150 पदयात्रियों के रहने की व्यवस्था यहां निर्मित किए गए मंडपों में की गई है. यहां से करीब एक किमी की दूरी पर स्थित महाविद्यालय में अन्य यात्रियों के निवास की व्यवस्था की गई है. यहां पर राज्यभर से आए नेता निवास करेंगे. इन सभी स्थानों पर इतना तगड़ा पुलिस बंदोबस्त किया गया है कि इसे एक छावनी का स्वरुप प्राप्त हो गया है. हजारों पुलिस कर्मी यहां तैनात हैं.