Nitin Raut

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अकोला. लोकतंत्र में मोदानी नीति द्वारा देश में जनता की आवाज दबाने की कोशिश भाजपा द्वारा की जा रही है, देश की संसद में जिस तरह से कामकाज शुरू है, वह देख कर तो ऐसा लग रहा है कि जैसे देश में हुकुमशाही की शुरूवात हो गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनकी सरकार द्वारा सभी की आवाज दबाई जा रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द की गयी है, यह एक तरह से लोकतंत्र पर अन्याय है.

यह विचार स्वराज्य भवन में आयोजित पत्र परिषद में पूर्व मंत्री, विधायक डा.नितिन राउत ने प्रकट किए. उन्होंने कहा कि, इन्हीं मुद्दों को लेकर कांग्रेस द्वारा संकल्प सत्याग्रह शुरू किया गया है. उन्होंने सवाल उठाया कि, मोदी और अदानी का संबंध क्या है, मोदानी की शेल कंपनी में 20 हजार करोड़ किसके हैं. इन सब सवालों पर राहुल गांधी ने चर्चा की मांग की थी इसी तरह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खर्गे ने भी इन्हीं मुद्दों पर चर्चा की मांग की थी. लेकिन भाजपा ने चर्चा की समृद्ध परंपरा को एक ओर रखते हुए सभागृहों के कामकाज से दोनों का भाषण ही अलग कर दिया. 

अपने मित्रों को बचाने का प्रयास

डा.नितिन राउत ने कहा कि मोदी सरकार अपने मित्रों को बचाने के लिए पूरी तकत लगा रही है और आए दिन हमारे नेता राहुल गांधी पर झूठे आरोप लगा रही है. कांग्रेस के साथ साथ सभी विरोधी पार्टियों ने मोदी सरकार की अनियमितताओं के संबंध में संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी की मांग की थी. लेकिन इस ओर भी ध्यान नहीं दिया गया है. इसके अलावा भी कई सवाल है जिनके जवाब कांग्रेस चाहती है.

उन्होंने कहा कि, मोदी सरकार में कुल 89 सचिव हैं, जिसमें से ओबीसी का एक भी नहीं है. कुल सचिवों में से तीन एसटी व एक प्रवर्ग से है. इसके अलावा भी उन्होंने कई मुद्दे विस्तार पूर्वक रखे. उन्होंने कहा कि इन सब मुद्दों को लेकर कांग्रेस आवाज उठाएगी. वैसे भी आवाज उठाने में विदर्भ हमेशा अग्रणी रहता है.

इस अवसर पर पत्र परिषद में कांग्रेसी नेता बबन चौधरी, डा.प्रशांत वानखड़े, अशोक अमानकर, मदन भरगड़, निखिलेश दिवेकर, प्रकाश तायड़े, साजिद खान पठान, प्रशांत गावंडे, प्रा.संजय बोड़खे, प्रदीप वखारिया, एड.महेश गणगणे, पूजा काले, पुष्पा देशमुख, महेंद्र गवई, कपिल रावदेव, तश्वर पटेल, चंद्रशेखर चिंचोलकर, संजय मेश्रामकर, मोहम्मद इरफान, मोइन खान आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.