अकोला. खुले में शौच बंद करने के लिए पानी व स्वच्छता विभाग में अनुबंध कर्मचारी पिछले 15-20 वर्षो से सेवा दे रहे है. लेकिन अनुबंध कर्मचारियों की पद का चयन करने के लिए त्रयस्थ संस्था की नियुक्ति करने का सरकार ने डाव डाला है. जिससे अनुबंध कर्मचारी संकट में आने से उनमें रोष बढ़ रहा है. पानी व स्वच्छता विभाग द्वारा स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, जलस्वराज्य प्रकल्प चरण-2 अंतर्गत प्रत्येक जिला व तहसील के स्थान पर अनुबंध कर्मचारी कार्यरत है. जिसमें उम्र के 40 वर्ष पार किए कर्मचारी बड़ी संख्या में है.
शौच मुक्त करने के दृष्टि से स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम प्रधानमंत्री के अग्रस्थान पर है. ऐसा होते हुए भी अनुबंध कर्मचारियों के हित का विचार होते हुए दिखाई नही देता है. उनके कार्य पर इस तरह से अनदेखी की जाएगी क्या? ऐसा सवाल भी संबंधितों की ओर से पूँछा जा रहा है. उनके कार्य की जागरुकता रखने की मांग हो रही है.