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    अकोला. रविवार को हुई बारिश के कारण जिन क्षेत्रों में बुआई हो गई थी, उन क्षेत्रों की फसलों को तो जीवनदान मिल गया है. लेकिन अभी भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां अभी तक बुआई नहीं की गयी है. इसके लिए किसानों को अच्छी और दमदार बारिश का इंतजार है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी भी करीब 55 से 65 प्रश तक बुआई बाकी है.

    रविवार को हुई बारिश सिर्फ अकोला, बार्शीटाकली तहसील के साथ कुछ क्षेत्रों में ही हुई है. शायद इसी लिए अभी भी किसानों का ध्यान आसमान की ओर लगा हुआ है कि कब दमदार बारिश होगी. कुछ भी हो उन सभी क्षेत्रों में फसलों को जीवनदान मिला है. जहां बुआई के काम पूरे हो गए हैं.

    इस तरह हुई बारिश

    प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को अकोट में 0.1 तथा अब तक 36.0 मि.मी. बारिश हुई है. इसी तरह तेल्हारा में 0.1 अब तक 59.8 मि.मी., बालापुर में 2.8 तथा अब तक 66.9 मि.मी. बारिश हुई है. पातुर 4.9 अब तक 106.2 मि.मी. बारिश हुई है. अकोला 11.1 तथा अब तक कुल 72.2 मि.मी. बारिश हुई है. बार्शीटाकली 18.5 तथा अब तक 120.8 मि.मी. बारिश हुई है. मुर्तिजापुर में 2.8 तथा अब तक 151.1 मि.मी. बारिश हुई है. इस तरह रविवार को जिले में कुल 10.7 मि.मी. और अब तक 82.2 मि.मी. बारिश हुई है. 

    जलप्रकल्पों की स्थिति

    प्राप्त जानकारी के अनुसार महान गांव में स्थित काटेपूर्णा बांध में जहां से सारे शहर को जलापूर्ति की जाती है इस बांध में 29.4 प्रश पानी उपलब्ध है. वान प्रकल्प में 32.1 प्रश, निर्गुणा प्रकल्प में 15.1, मोर्ना प्रकल्प में 32.34, उमा प्रकल्प में 16.78 प्रतिशत पानी उपलब्ध हैं. अब सभी लोगों को इंतजार है कि कब बारिश आति है और अकोला जिले के जलाशयों में पानी की वृद्धि होती है. इस ओर भी सभी का ध्यान लगा हुआ है. शहर तथा जिले में अभी भी लोगों को उमस और गर्मी से जरा भी राहत नहीं मिली है. 

    तैयारियां कर ली किसानों ने

    खरीफ फसलों की बुआई के लिए किसानों ने सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली हैं. जिन किसानों को अभी तक फसल कर्ज नहीं मिला है उन किसानों ने भी निजी स्तर पर कर्ज लेकर अपना काम शुरू रखा है. वैसे भी इस वर्ष किसानों को खरीफ फसलों की बुआई के लिए काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा था.

    पहले किसानों को सोयाबीन तथा अन्य बीज के लिए इधर उधर भटकना पड़ा इस कारण भी किसानों को काफी असुविधा और तकलीफ हुई. बैंकों के समय लाकडाउन के कारण कम हो जाने से किसानों को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ा. बड़ी मुश्किल के बाद किसानों ने अपनी फसलों की तैयारियां पूरी कर ली हैं.