Chikungunya

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    अकोला. पिछले एक सप्ताह से जारी बारिश के कारण अकोला शहर की सीमा में खाली प्लॉटों पर भारी मात्रा में बारिश का पानी जमा हो गया है, जिससे मच्छरों के पनपने का स्थान बढ़ गया है और डेंगू का खतरा बढ़ गया है. लेकिन फिर भी मनपा प्रशासन द्वारा आवश्यक कदम नहीं उठाए गए हैं. इस बीच स्वास्थ्य विभाग की ओर से पिछले आठ माह में जिले में किए गए 60 हजार टेस्ट में मलेरिया के 30 मरीज मिले हैं.

    आठ माह में डेंगू के 5 मामले दर्ज

    इस साल गर्मी का खामियाजा अकोलावासियों को भुगतना पड़ रहा है. पिछले कुछ दिनों से लंबे समय के विश्राम के बाद बारिश होने से मौसम में आए बदलाव से जिले में बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. डेंगू के लक्षण वाले सैकड़ों मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में चल रहा है.

    लेकिन पिछले आठ महीनों में स्वास्थ्य विभाग ने जिले में केवल पांच मामले दर्ज किए हैं. जिले में पिछले दो माह से हो रही बारिश के कारण कीट जनित बीमारियों के मामले बढ़े हैं. डेंगू के लक्षण वाले कई मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में चल रहा है. ऐसे में जिले में डेंगू जैसे मरीजों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती है. 

    एलयझा परीक्षण विश्वसनीय

    डेंगू के निदान के लिए सरकार द्वारा एलयझा परीक्षण को विश्वसनीय माना जाता है. इन परीक्षणों का अनुपात कम पाया गया है. एलायझा परीक्षण में, वीआरडीएल प्रयोगशाला में संदिग्ध के रक्त के नमूने का परीक्षण किया जाता है. निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के एनएस-1 और आईजीएम, आईजीजी कार्ड की जांच की जाती है. इससे मिली रिपोर्ट के अनुसार उपचार किए जाते हैं. 

    अगस्त तक 60 हजार टेस्ट

    जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य स्तर और सरकारी अस्पतालों में मलेरिया की जांच चल रही है. जनवरी से अगस्त तक 60 हजार टेस्ट किए जा चुके हैं. इसमें मलेरिया के 30 मरीज मिले हैं-डा.आदित्य महानकर