- लोगों ने अपने घरों में की पूजा अर्चना
अकोला. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए गणेशोत्सव में जिला प्रशासन द्वारा विविध पाबंदियां लगाई गई हैं. इसी कारण से गणेश भक्तों के उत्साह में थोड़ी कमी देखी गयी है. इसी प्रकार बैंड, बाजा, ढोल, ताशे, म्यूजिक सिस्टिम पर भी पाबंदी होने से युवा पीढ़ी के उत्साह में थोड़ी कमी आयी है. क्योंकि युवा पीढ़ी के सदस्य घरों में गणेशोत्सव मनाने की जगह सार्वजनिक गणेश मंडलों में आयोजित विविध कार्यक्रमों में विशेष रूचि लेते हैं.
इस बार सार्वजनिक गणेशोत्सव द्वारा भी सिर्फ भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित की गयी थी और सुबह शाम आरती, पूजन होता था. इसके अलावा किसी भी प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन पाबंदी के कारण नहीं किए गए हैं. इसी कारण से सार्वजनिक मंडलों, गणेश मंडलों तथा लोगों के घरों में गणेशोत्सव बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया है.
इसी लिए गणेश विसर्जन की व्यवस्था भी मनपा द्वारा शहर के चारों जोन में की गयी है. गणेश विसर्जन जुलूस पर पाबंदी है. क्योंकि अभी भी कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा भीड़ भरे कार्यक्रमों पर पाबंदी लगाई गई है.
शहर में चहल पहल कम रही
यह दूसरा वर्ष है जब कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए गणेशोत्सव में चहल पहल कम देखी गयी है. जबकि कोरोना की शुरूआत से पहले शहर के सभी क्षेत्रों में जहां जहां सार्वजनिक मंडलों द्वारा श्री गणेश की स्थापना की जाती थी वहां पर म्यूजिक सिस्टिम पर संगीतमय गीत बजते रहते थे. अनेक गणेशोत्सव मंडलों द्वारा बालक बालिकाओं के लिए तथा सभी उम्र के लोगों के लिए विविध प्रकार की स्पर्धाओं का आयोजन किया जाता था. जिसमें बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेते थे.
इस तरह गणेशोत्सव के दस दिन पलक झपकते, हंसते गाते बीत जाते थे. लेकिन अब बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से गणेशोत्सव मनाया गया है. समय की मांग को देखते हुए, कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न पाबंदियां भी जरूरी हैं, जिससे लोग भीड़ का हिस्सा बनने से बचें और कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके तथा संभावित तीसरी लहर से भी बचा जा सके.