Farmers
प्रतीकात्मक तस्वीर

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अकोला. जिले में कपास उत्पादक किसानों के पास आज भी हजारों क्विंटल कपास पड़ा है. वैसे 27 सितंबर तक सीसीआई द्वारा कपास की खरीदी शुरू रहेगी, फिर भी किसान इस बात से परेशान है कि खरीदी प्रक्रिया धीमी रहने से काफी समय लग सकता है. किसानों का मानना है कि यदि कपास की खरीदी करने के लिए सीसीआई और पणन महासंघ मिलकर काम करते हैं तो खरीदी प्रक्रिया बढ़ सकती है. प्रत्यक्ष में पणन महासंघ यह आज सीसीआई के एजेंट के रूप में बाजार में काम कर रहा है.

इस कारण उन पर निर्भर रहना गलत है. ग्रेडर की कमी व जिनिंग में कपास रखने के लिए जगह का अभाव यह मुद्दे भी कपास खरीदी की प्रक्रिया में बाधा बन रहे हैं. कपास उत्पादकों को न्याय नहीं मिल रहा है. सीसीआई की खरीदी केंद्र पर खरीदी की प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है. सीसीआई केवल एफएक्यू ग्रेड का ही कपास खरीदती है और कपास उत्पादकों के पास सभी क्वालिटी का कपास रहता है. खुले बाजार में कपास को उचित दाम नहीं मिल रहे हैं, यह समस्या भी कपास उत्पादकों के समक्ष है.