File Photo
File Photo

Loading

अकोला. खाना थाना अंतर्गत महावितरण कार्यालय के सामने गोरक्षण से सिंधी कैंप जाने वाले रास्ते में पति ने पत्नी की हत्या कर दी थी. इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश वी.बी. गव्हाणे की अदालत ने आरोपी पति आकाश मांडलेकर को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जबकि आरोपी की मां मोहिनी मांडलेकर को बरी कर दिया गया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता ने 27 जून 2019 को खदान थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि, मृतका निशा उसकी पुत्री है जिसका तीन वर्ष पूर्व जब निशा 17 वर्ष की थी तब आरोपी आकाश मांडलेकर उसे भगा कर ले गया था तब सह वह आरोपी आकाश के साथ रह रही थी. घटना के तीन माह पूर्व आकाश व उसकी मां की परेशानी से तंग आकर वह शिकायतकर्ता के पास रहने आ गई थी. आकाश और उसकी मां हमेशा उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे.

घटना के दिन मृतका अपनी सहेली के साथ दादी से मिलने एमआईडीसी गई थी. घर लौटते समय आरोपियों ने रास्ते में सड़क पर चाकू मारकर घायल कर दिया. इसकी जानकारी उसकी सहेली ने फोन पर उसके चाचा को दी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. खदान पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया. उसके बाद जांच अधिकारी संजय गवई ने जांच की और आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट प्रस्तुत की.

उक्त मामले में न्यायालय ने सभी साक्ष्यों एवं गवाह साक्ष्यों, मृतका का मृत्यु से पूर्व लिया गया बयान एवं उसके द्वारा उसकी मां एवं चाचा के सामने दिये गये बयान को ध्यान में रखते हुए आरोपी आकाश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और दस हजार का जुर्माना भरने के आदेश दिए हैं. जुर्माना न भरने पर आरोपी को तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का प्रावधान किया गया है. सरकार की ओर से एड.आर. एस. रेलकर ने काम देखा. कोर्ट पैरवी अधिकारी के रूप में पुलिस उप निरीक्षक राम पांडे, गजानन बांगरे ने सहयोग किया.