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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    पातुर. नगर परिषद कर्मचारियों ने श्रमसाफल्य हाउसिंग सोसाइटी ने नगर परिषद कर्मी के लिए आवास हेतु उपयोग किए बिना व्यावसायिक स्तर पर व्यावसायिक कमरों का निर्माण करके सरकार को गुमराह किया. सोमवार से नगर परिषद कार्यालय के सामने शहर के सलाबत खान ने आमरण अनशन  शुरू किया है. 

    नगर परिषद के कर्मचारियों ने श्रम साफल्य सोसाइटी का संगठन हैं. जो पैंतीस साल पहले स्थापित की. और कर्मचरियों के निवास हेतु 3/1 सर्वे नं. की खेती आरक्षित की. लेकिन उस जगह पर निवास का निर्माण न करते हुए व्यावसायिक दूकानों का निर्माण किया. जिस पर सामाजिक कार्यकर्ता सलाबत खान ने नागपुर उच्च न्यायालय के समक्ष मामले को अदालत के संज्ञान में लाया गया.

    उच्च न्यायालय द्वारा याचिका पर विचार करते हुए निवास के अलावा ज्यो कुछ भी व्यावसायिक दूकानें हटाने के आदेश नगर परिषद को दिए. मुख्याधिकारी ने 25 अगस्त 2021 को क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले दूकानदारों को नोटिस जारी किया और उन्हें इमारत को गिराने का आदेश दिया.

    मुख्याधिकारी के नोटिस पर व्यावसायिक उपयोग वाले कुछ कमरों को तोड़ा गया, जबकि आधे से अधिक कमरों व व्यावसायिक परिसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. 25 अगस्त 2021 में पत्र में चौबीस घंटे का समय दिया गया लेकिन 24 घंटे के बजाय 41 दिन बीत चुके हैं. जिस पर सलाबत खान ने 4 अक्टूबर 2021 को नगर परिषद सीओ को निवेदन देकर 7 दिन के भीतर कार्रवाई करने की मांग की. लेकिन कार्रवाई न होने से नगर परिषद कार्यालय के सामने आमरण अनशन शुरू कर दिया है. 

    कार्रवाई की जाएगी

    व्यावसायिक उपयोग के कमरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया गया है, लेकिन नगर परिषद के इंजीनियर छुट्टी पर चले गए हैं. और छुट्टी की अवधि अभी तक पूरी नहीं हुई है. हमने कलेक्टर से एक इंजीनियर उपलब्ध कराने की मांग की है. इंजीनियर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.  – सोनाली यादव, मुख्याधिकारी, नगर परिषद, पातुर.