- महाविद्यालयीन शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का काली फीत लगाकर आंदोलन
अकोला. महाराष्ट्र राज्य महाविद्यालयीन शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ ने शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की प्रलंबित प्रश्नों के लिए हरदम पहल की है. लेकिन सरकार की भूमिका यह समय बर्बाद करने की है, कर्मचारियों के प्रश्न हल नहीं होने से महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर. बी. सिंह और राज्य अध्यक्ष आर. जे. बढे के मार्गदर्शन में अकोला जिलाध्यक्ष गौतम इंगोले के नेतृत्व में जिले के सभी शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने काली फीत लगाकर निषेध आंदोलन शुरू किया है.
सुधारित आश्वासित प्रगति योजना लागू करना व अन्यायकारक 7 दिसंबर 2018 व 16 फरवरी 2019 का सरकारी परिपत्र रद्द करना, सातवा वेतन आयोग की 10, 20, 30 इन तीन लाभों की सुधारित सेवा अंतर्गत आश्वासित प्रगति योजना लागू करन तथा महाविद्यालय के कर्मचारियों को 5 दिनों का सप्ताह लागू करना, रिक्त शिक्षकेत्तर पद तुरंत भरने के लिए मान्यता देना तथा 1 नवंबर 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेन्शन योजना लागू करना.
आदि मांगों के लिए महाविद्यालयीन शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ ने काली फीत लगाकर कामकाज करते हुए आंदोलन की शुरुआत की है. इस आंदोलन में जिलाध्यक्ष गौतम इंगोले, के. वाय. पाटिल, किशोर शेगोकार, बालकृष्ण भरगडे, दीपक वानखडे, राजेश दंडनाईक, गोपाल गिरी, ए. बी. तायडे, सुनंदा झटाले, राजेश चोंडके, कमल गिरी, गीते, देशपांडे, अहिरकर के साथ शिक्षकेत्तर कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए थे.
तो 20 तारीख से बेमियादी कामबंद आंदोलन
इस संदर्भ में महाविद्यालयीन शिक्षकेत्तर कर्मचारी संगठन के जिलाध्यक्ष गौतम इंगोले ने कहा कि महाविद्यालयीन शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की प्रलंबित प्रश्नों के लिए महासंघ की ओर से बार बार सरकार की ओर हरदम पहल की जा रही है. लेकिन सरकार हम पर अन्याय करने की भूमिका में है. हमारी मांगे मंजूर नहीं करने से हम काली फीत लगाकर आंदोलन को शुरुआत की है. सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो 20 तारीख से बेमियादी कामबंद आंदोलन किया जाएगा.