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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    अकोला. जिले में जिन 11 ठेका स्वास्थ्य सेवकों को 31 अगस्त को कार्यमुक्त किया है, उन्हें पूर्व की तरह शामिल करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान अधिकारी व कर्मचारी महासंघ, महाराष्ट्र राज्य, अकोला शाखा की ओर से जि.प. मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जिला स्वास्थ्य अधिकारी को निवेदन दिया गया है.

    निवेदन में कहा गया है कि राज्य स्वास्थ्य सोसायटी द्वारा केंद्र सरकार ने 2021-22 के प्रकल्प प्रारुप में मंजूर न किए गए स्वास्थ्य सेवकों के पद 31 अगस्त से पूर्व रद्द करने के निर्देश दिए हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 2007 से अब तक 3,207 स्वास्थ्यकर्मी अल्प वेतन पर प्रदेश में कार्यरत हैं. इसी तरह ठेका स्वास्थ्य सेवकों की ओर दो स्थानों का अतिरिक्त प्रभार है.

    अकोला जिले में अनेक स्थानों पर ठेका स्वास्थ्य सेवक अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं. 2021-22 की प्रकल्प कार्यान्वयन योजना में स्वास्थ्य कर्मियों के 597 अस्वीकृत पद हैं. पदों की स्वीकृति न देकर शासन स्तर पर एक प्रकार का अन्यायपूर्ण निर्णय लिया गया है. अकोला जिले में कुल 11 ठेका स्वास्थ्य कर्मियों को 31 अगस्त 2021 को अपने पदों को रद्द करने का आदेश दिया गया है.

    कोविड काल में सर्वे में महत्वपूर्ण कार्य करने वाले कर्मचारियों की छंटनी कर दी गई है. इसलिए कोविड-19 का काम एनएचएम के कार्यरत कर्मचारी कर रहे हैं. सितंबर में गणेशोत्सव और उसके बाद नवदुर्गा के साथ, कोविड परीक्षण और नियमित सर्वेक्षण के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों की आवश्यकता है.

    स्वास्थ्य कर्मि की ठंटनी से मुश्किलें बढ़ेंगी

    जिले में उपकेंद्र स्तर पर नियमित एएनएम के 143 पद स्वीकृत किए गए हैं, इनमें 36 पद खाली हैं. वर्तमान में जिले के 129 स्वीकृत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों में से 126 पद ही भरे जा सके हैं. जिले में 19 उपकेंद्र ऐसे हैं जहां कोई स्वास्थ्य कर्मी या सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी नहीं है. इसमें एनएचएम में स्वास्थ्य कर्मियों को उपकेंद्र की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है. ऐसे में यदि ठेका स्वास्थ्य कर्मी की छंटनी की जाती है तो कार्यक्रम के क्रियान्वयन में मुश्किलें आएंगी.

    राष्ट्रीय कार्यक्रमों पर असर

    राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, अकोला के अंतर्गत जिले में कार्यरत 70 स्वास्थ्य सेविका यह नियमित वैक्सीनेशन, कोविड संदिग्धों के सैम्पल लेना, कोविड सर्वे, वैक्सीनेशन, सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों पर अमल आदि कार्य करने होते हैं. इस परिस्थिति में 11 पदों को कार्यमुक्त कर दिए जाने से स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर असर होने की संभावना है. यह भी निवेदन में कहा गया है.