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    • दो माह से इंतजार कर रहे हैं किसान

    अकोला. इस वर्ष जिले के लाखों किसानों की खरीफ फसलों का भारी नुकसान हुआ है. पहले अत्यधिक बारिश के कारण किसानों का नुकसान हुआ है, उसके बाद वापसी की अत्यधिक बारिश के कारण भी किसानों को नुकसान झेलना पड़ा. इस तरह खरीफ फसलें खराब हो गईं और किसान आर्थिक संकट में आ गया है. सितंबर माह में करीब 134 करोड़ रु. की निधि जिला प्रशासन द्वारा किसानों में वितरित की गयी है. देखा जाए तो किसानों का जितना नुकसान हुआ है उस तुलना में यह निधि बहुत ही कम थी.

    जानकारी के अनुसार अभी भी करीब 23 हजार 500 से अधिक किसान ऐसे हैं जिन्हें अभी तक नुकसान भरपाई नहीं मिली है. इस वर्ष 2022 में जून से लेकर सितंबर तक काफी बारिश हुई है. उसके बाद अक्टूबर माह में वापसी की बारिश के कारण किसानों का नुकसान हुआ है. जिले में कुछ स्थानों पर तो इतनी बारिश हुई है कि जलप्रकल्प भरने के बाद ओवर फ्लो हुए हैं, अनेक जल प्रकल्पों के गेट खोल कर पानी का विसर्ग करना पड़ा है, उस पर वापसी की बारिश ने किसानों का और नुकसान कर दिया है.

    इस कारण से फसलों का भारी नुकसान तो हुआ ही है इसी के साथ साथ फसलों का उत्पादन भी कम हुआ है. अब तक 1 लाख 20 हजार 188 किसानों में से 96 हजार 428 किसानों में सरकार द्वारा मदद का वितरण किया गया है लेकिन अभी भी करीब 23 हजार 760 किसानों को आर्थिक मदद नहीं मिली है.

    जिन क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश हुई है उन तहसीलों में सितंबर माह में 134 करोड़ रू. वितरित किए गए हैं. इसके बाद सितंबर व अक्टूबर माह में वापसी की बारिश के कारण जिन किसानों का नुकसान हुआ है वह नुकसान भरपाई अभी तक किसानों को नहीं मिली है. किसानों का कहना है कि इस ओर भी सरकार ने तुरंत ध्यान देते हुए किसानों को आर्थिक मदद तुरंत देनी चाहिए. 

    और नुकसान भरपाई जरूरी

    इस वर्ष जून, जुलाई और अगस्त माह में अत्यधिक बारिश के कारण 98,321 हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों की फसलों का नुकसान हुआ और करीब 1,724 हेक्टेयर फसलों की जमीन की मिट्टी तेज बारिश के कारण बह गयी, 12 से 21 सतंबर के बीच 36,272 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का नुकसान हुआ, इसके बाद अक्टूबर माह में अत्यधिक बारिश के कारण 1 लाख 80 हजार 671 हेक्टेयर क्षेत्र में फिर से जिले में किसानों का नुकसान हुआ.

    इन किसानों की फसलों की नुकसान भरपाई के लिए 119 करोड़ 62 लाख 29 हजार रू. अपेक्षित होने की जानकारी मिली है. यदि यह नुकसान भरपाई सरकार द्वारा किसानों को मिल जाती है तो किसान रबी की फसलों के लिए खेती में खर्च कर सकेंगे. क्यों कि लगातार बारिश के कारण इस वर्ष किसानों की फसल खराब होने से किसान पहले ही आर्थिक संकट में हैं. किसानों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों का काम है कि वे सरकार पर दबाव बनाकर उन्हें आर्थिक मदद दिलवाएं.