मच्छरों का प्रकोप, नदी व नालों में जलकुंभी बढ़ी

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    • लोगों का स्वास्थ्य खतरे में

    अकोला. अकोला शहर तथा जिले के नदी, नालों में जलकुंभी काफी बढ़ गई है. जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है. जिससे मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियों के फैलने की संभावना से इनकार नही किया जा सकता है. इस कारण शहर तथा जिले के लोगों का स्वास्थ्य खतरे में आ गया है. शहर में 8 किलो मीटर की लंबाई तक फैली मोर्ना नदी पूरी तरह से गंदे पानी में परिवर्तित हो गई है. क्योंकि शहर के अनेक क्षेत्रों का गंदा पानी अब शहर की जीवनरेखा मानी जानेवाली मोर्ना नदी में जमा हो रहा है.

    शहर के सभी गंदे पानी के नालों का पानी मोर्ना नदी में आकर मिलता है. जिससे मोर्ना नदी में बड़ी मात्रा में जलकुंभी पनप रही है. जलकुंभी से शहर तथा जिले में मक्खी व मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है. गटर में परिवर्तित नदी बरसात के दिनों में साफ दिखाई देती है. बारिश के पानी के तेज बहाव से नदी की जलकुंभी पूरी तरह से साफ हो जाती है.

    लेकिन अभी तक शहर तथा जिले में जोरदार अच्छी बारिश नही होने से नदी व नालों में बड़ी मात्रा में जलकुंभी बढ़ गई है. हाल ही में शहर में जोरदार बारिश होने से स्थानीय न्यू तापडिया नगर के नाले में इस जलकुंभी के कारण बाढ़ आई थी. जहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों को नाले से पार करवाना पड़ा था. इसलिए गटर में परिवर्तित हुए नदी व नालों को साफ करने की आवश्यकता है.  

    स्थानीय न्यू तापडिया नगर क्षेत्र में क्रांति चौक में स्थित नाले में जलकुंभी के कारण 9 जून 2021 को बाढ़ आ गई थी. जिसके कारण लोगों को एक ओर से दूसरी ओर जाने के लिए मनपा के दमकल विभाग की मदद लेनी पड़ी. क्रांति चौक पर एक बड़ा नाला है. जिसमें जलकुंभी जमी हुई है. इस नाले की सफाई ना होने के कारण तेज बारिश से इस नाले का पानी सड़कों तक फैल गया था.

    नाले के एक ओर लोगों की बस्ती है. इन लोगों का नाले में आई बाढ़ के कारण आना जाना मुश्किल हो गया था. यदि इस नाले की जलकुंभी पूरी तरह से साफ की गई होती तो इस नाले में बाढ़ नही आती थी. लोगों द्वारा मांग हो रही है कि नदी व नालों की जलकुंभी साफ करके लोगों को हो रही तकलीफ से मुक्ति दिलाई जाए. 

    मच्छरों का प्रकोप बढ़ा

    जलकुंभी बढ़ने से नदी व नालों के किनारे बसी बस्तियों में मक्खी व मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. नदी व नालों के किनारें बसी बस्तियों के नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में आ गया है. इस ओर संबंधित विभाग ने ध्यान देकर लोगों को हो रही परेशानी से राहत देने की मांग हो रही है.

    कई बार योजनाएं बनी, कोई लाभ नहीं

    अकोला शहर के मध्यभाग से बहनेवाली मोर्ना नदी की सफाई करने, सौंदर्यीकरण करने के लिए केंद्र सरकार की सहायता से कई बार योजनाएं बनाई गई. लेकिन सभी योजनाएं कागजों तक और नक्शों में सिमटकर रह गई. आज तक किसी भी योजना पर कोई अमल नहीं किया गया है.

    मोर्ना नदी की जलकुंभी साफ करें  

    मोर्ना नदी की जलकुंभी निकालने की मांग हो रही है. मोर्ना नदी में जलकुंभी बड़े पैमाने पर लगी है. जलकुंभी निकालकर मोर्ना नदी की साफ सफाई कर अकोला शहर की सुंदरता बढ़ाएं. जलकुंभी निकालने की मांग को लेकर महानगर पालिका उपायुक्त वैभव आवारे को निवेदन दिया है. मांग पूरी ना होने पर आंदोलन किया जाएगा. – उमेश इंगले, सामाजिक कार्यकर्ता, अकोला.