अकोला. जिले में लड़कियों की जन्म दर में वृद्धि हुई है. अगस्त 2021 के अंत तक जिले में प्रति 1000 लड़कों पर 972 लड़कियां हैं. वर्ष 2016-17 में यह संख्या प्रति 1000 लड़कों पर 905 लड़कियों की थी. यह जानकारी जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक में गर्भावस्था एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन रोकथाम) अधिनियम यानी पीसीपीएनडीटी अधिनियम के क्रियान्वयन के संबंध में दी गई. समिति की जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक लोकशाही सभागृह में हुई.
बैठक की अध्यक्षता निवासी उप जिलाधिकारी संजय खड़से ने की. बैठक में जिला शल्य चिकित्सक डा.वंदना पटोकार, जिला महिला अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डा.आरती कुलवाल, सहायक आयुक्त खाद्य व औषधि प्रशासन वी.डी. सुलोचने, डा.सुनील मानकर, डा.स्वप्निल माहोरे, डा.मीनल पवार, डा.अस्मिता पाठक, डा.मीना शिवाल, डा.वी.टी. सोनोने, डा.श्वेता वानखड़े, डा.सैयद इशरत तथा समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे.
लड़कियों की जन्म दर में हो रही वृद्धि
बैठक में बताया गया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 5 सरकारी और 22 निजी ऐसे कुल 27 सोनोग्राफी परीक्षण केंद्र हैं. मनपा क्षेत्र में 110 सोनोग्राफी जांच केंद्र हैं, जिनमें चार सरकारी व 106 निजी हैं. जैसे-जैसे जिले में कानून लागू किया जा रहा है, प्रति एक हजार लड़कों पर लड़कियों की जन्म दर में वृद्धि हुई है. यह प्रमाण सन 2016-17 में 905, 2017-18 में 911, 2018-19 में 924, 2019-20 में 956, 2020-21 में 949 और सन 2021-22 (21 अगस्त के अंत) में 972 है.
फैलाई जा रही जागरूकता
इस कानून को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है. इस कमेटी के माध्यम से 2017 से जिले में दस स्टिंग ऑपरेशन किए गए. सरकार ने गर्भलिंग जांच के प्रकारों को उजागर करने के लिए एक सूचना पुरस्कार योजना शुरू की है. ऐसे प्रकार के जानकारी देने पर एक लाख रू. तक का पुरस्कार दिया जाता है. यदि किसी को गर्भलिंग जांच के कदाचार के बारे में कोई जानकारी है, तो आप इसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर 18002334475 या वेबसाइट पर दे सकते हैं.
सामाजिक संस्थाओं को शामिल करना जरुरी-संजय खड़से
लड़कियों के जन्म का स्वागत करते हुए समाज में भ्रूण के लिंग निदान के प्रकार निंदनीय हैं. इस प्रकार को रोकने के लिए समाज में जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया जाना चाहिए. इसके लिए विभिन्न सामाजिक संस्थाओं को शामिल किया जाना चाहिए. नागरिकों को भी खबरी योजना का अधिक से अधिक प्रसार कर ऐसी कुरीतियों को रोकने में शामिल होना चाहिए. साथ ही प्राप्त सूचना के आधार पर समिति सोनोग्राफी केंद्रों का औचक निरीक्षण करे, यह निर्देश निवासी उप जिलाधिकारी संजय खड़से ने दिए हैं. संचालन एड.शुभांगी ठाकरे ने किया.