File Photo
File Photo

Loading

अकोला. महानगर में महावितरण के बिजली पोल, डीपी, फीडर पीलर आदि पर तथा इनके समीप कई संस्था, व्यावसायिक तथा विज्ञापनकर्ताओं द्वारा अपने प्रचार और प्रसिद्धी के लिए अनधिकृत तरीके से पोस्टर्स, फलक, बैनर्स और होर्डिंग्ज लगाए गए हैं जिसके कारण बिजली सुचार रखने तथा सुरुस्ती के कार्यों में बाधाएं उत्पन्न हो रही है. महावितरण के जिला प्रशासन ने इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए संबंधितों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो महावितरण की आवश्यक सेवाओं में बाधा डाल रहे हैं.

आपराधिक कार्यवाही में पहले कदम के रूप में, महावितरण द्वारा नोटिस जारी किए गए हैं. बिजली जैसे अत्यावश्यक सेवा देनेवाली महनगर सहित पूरे जिले में महावितरण का बिजली जाल फैला हुआ है. लेकिन कई व्यवसायिक, संस्था और विज्ञापनकर्ता महावितरण के पोल, डीपी, वितरण पेटी का उपयोग बैनर्स, पोस्टर्स, फलक, होर्डिंग्ज लगाने के लिए करते हुए दिखाई दे रहे हैं. हालांकि, यह देखा गया है कि इस प्रचार के कारण, प्रचार सामग्री कई स्थानों पर शॉर्ट सर्किट और अक्सर बिजली आउटेज का कारण बन रही है. इ

सके अलावा, सबसे बड़ी बाधा महावितरण कर्मचारियों द्वारा बिजली ग्रिड के रखरखाव और दुरुस्ती करने में होती है. कुछ जगहों पर, इससे दुर्घटनाएं हुई हैं. अवैध रूप से लगाए गए होर्डिंग, पोस्टर, बैनर न केवल महावितरण की ग्राहक सेवा को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि शहर को बहुत अधिक बदनाम भी कर रहे हैं.

महावितरण यानी महाराष्ट्र सरकार की संपत्ति का प्रचार-प्रसार के लिए उपयोग करना कानूनन अपराध है. जिससे महावितरण द्वारा संबंधितों को नोटीस दिए जाने के बाद सात दिन के भीतर उनके द्वारा लगाए गए पोस्टर्स, बैनर्स, होर्डिंग्ज हजाए जाने की कार्रवाई करने की जानकारी संस्था, व्यावसायिक और विज्ञापनकर्ता द्वारा देनी आवश्यक है.

अन्यथा बिजली अधिनियम 2004 के अंतर्गत तथा महाराष्ट्र सरकार के संपत्ति विद्रुपिकरण प्रतिबंध करने के लिए अधिनियम 1995 के अंतर्गत संबंधितों पर फौजदारी कार्रवाई की जा सकती है, यह सूचना महावितरण द्वारा दी गयी है.