कृषि कानून में किसानों के विकास को दी गयी प्राथमिकता -संजय धोत्रे

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अकोला. मोदी सरकार ने कृषि अधिनियम के माध्यम से देश के किसानों को रसातल से बाहर निकालने की कोशिश की है. किसानों के सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों को कृषि अधिनियम में शामिल किया गया है. कृषि में आधुनिकता जोड़ने से उनकी आय में वृद्धि होनी चाहिए, कृषि किफायती होनी चाहिए, उचित बाजार मिलना चाहिए, मौसम में बदलाव को देखते हुए किसानों को उचित सलाह दी जा सके आदि बारिकियों को नये कृषि कानून में स्थान दिया गया है. इसी तरह भविष्य में किसान स्वयं के बल पर खड़ा रह सके इस दृष्टि से भी प्रयास किए गए हैं. लेकिन विपक्ष किसानों का राजनीतिकरण कर रहा है, यह आरोप केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने पत्र परिषद में किया. 

सोमवार को दिल्ली से एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कृषि अधिनियम के बारे में व्यापक जानकारी दी. इस अवसर पर यहां जिला भाजपाध्यक्ष, विधायक रणधीर सावरकर, विधायक गोवर्धन शर्मा, महानगराध्यक्ष विजय अग्रवाल, तेजराव थोरात, महापौर अर्चना मसने, भाजपा प्रवक्ता गिरीश जोशी, माधव मानकर, अक्षय गंगाखेडकर, सोशल मीडिया प्रमुख मोहन पारधी उपस्थित थे. 

केंद्रीय राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने कहा कि किसानों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून किसानों और लोगों को समझाने का समय आ गया है. कृषि कानून के खिलाफ पंजाब, हरियाणा राज्य में किसानों ने आंदोलन किया है. केंद्र सरकार ने चर्चा के माध्यम से आंदोलनकारी किसानों को किसानों के हित में कानूनों को समझाने की कोशिश की है लेकिन हमें विपक्ष के बारे में सावधान रहने की जरूरत है, जो किसानों का राजनीतिकरण कर रहा है, किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है.

सरकार ने आंदोलनकारी संगठनों के नेताओं के संदेह को दूर करने के लिए कानून में बदलाव का प्रस्ताव भेजा. लेकिन नेताओं ने बात नहीं मानी. एमएसपी योजना, बाजार समितियों की मौजूदा प्रणाली को भी बनाए रखा जाएगा. किसानों के पास बाजार समितियों के साथ अपनी उपज बेचने के लिए अधिक विकल्प होंगे.

इसलिए किसान अपनी उपज को अपनी इच्छानुसार कहीं भी बेच सकते हैं, कॉन्ट्रॅक्ट खेती के बारे में किसानों के संगठनों की गलतफहमी को भी केंद्र सरकार ने दूर कर दिया है यह बात एक सवाल के जवाब में धोत्रे ने कही. उन्होंने राज्य में कपास खरीद पर भ्रम की स्थिति पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने खरीदी केंद्र शुरू करने में देरी की. नए कानूनों के बारे में किसानों के बीच गलतफहमी का भ्रम दूर करने की आवश्यकता पर उन्होंने बल दिया. 

कृषि कानून की विशेषताएं

  • किसानों की आय बढ़ाने के लिए फसलों का विविधीकरण
  • कृषि में इको सिस्टिम का परिचय
  • उन्नत बीज, उर्वरकों पर जोर
  • कृषि में आधुनिक तकनीक का उपयोग
  • कटाई के बाद की तकनीक पर जोर
  • किसानों के लिए नए बाजार विकल्प
  • संस्थागत ऋण प्रणाली अधिक सुलभ
  • बुनियादी खरीद प्रक्रिया को मजबूत करना
  • एमएसपी, एपीएमसी पहले जैसे ही रहेंगे