Ambika-Mata-Temple-Akola

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    अकोला. शहर के मध्य भाग में स्थित रिजर्व माता मंदिर अनेकों लोगों की श्रध्दा और आस्था का केंद्र है. यह अंबिका माता का मंदिर शहर ही नहीं बल्कि पूरे जिले में प्रसिद्ध है. कोराना काल के दौरान लाकडाउन के कारण मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद था. जिससे हजारों लोग बाहर से अंबिका माता के दर्शन करते थे. लेकिन इस वर्ष प्रतिबंध न रहने से नवरात्र उत्सव में दूर दूर से लोग यहां आने शुरू हो गए हैं. नवरात्र के दिनों में दूर दूर से आएं लोग मंदिर के सामने स्थित मैदान में भोजन करते हुए देखे जा सकते हैं. इस मंदिर की स्थापना कई शतक पहले हुई थी. जिसकी निश्चित तिथि पता नहीं लग पाई है.

    मंदिर के संदर्भ में कथा काफी प्रसिद्ध 

    इस मंदिर के संदर्भ में एक कथा काफी प्रसिद्ध है. बताया जाता है कि अंग्रेजों के शासन के समय एक बार घोड़ों पर बैठ कर पुलिस अधिकारी यहां आए तथा इस स्थान का निरीक्षण करके रिजर्व पुलिस मैदान पर स्थित इस मंदिर को हटाने का आदेश दिया. मंदिर को तोड़ने का प्रयास किया जाने लगा तो उसी समय उस अंग्रेज अधिकारी के परिवार के सदस्य बीमार पड़ गए. कई डाक्टरों को दिखाया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. अंत में इस मंदिर की पुजारन लच्छम्मा मीरजामले ने उस पुलिस अधिकारी से कहा कि यदि उन्होंने मंदिर को हटाने का काम बंद कर दिया तो उनके परिवार के सदस्य ठीक हो जाएंगे. पहले तो उस पुलिस अधिकारी को विश्वास नहीं हुआ फिर मंदिर वहां से हटाने का निर्णय रद्द कर दिया गया.

    मंदिर तोड़ने का काम बंद होने के बाद पुजारन लच्छम्मा मीरजामले ने मंदिर की पूजा का पवित्र जल उस पुलिस अधिकारी के बीमार पड़े हुए सदस्यों को दिया जिससे परिवार के सभी लोग ठीक हो गए. उस पुलिस अधिकारी ने अपनी श्रध्दा प्रकट करते हुए मीरजामले परिवार को कुछ भेंट प्रदान करने की इच्छा प्रकट की लेकिन मीरजामले परिवार ने कहा कि इस मंदिर को भविष्य में भी ना हटाया जाए. इस तरह की विनती की. उसके बाद उस पुलिस अधिकारी ने मंदिर के चारों भागों में लोहे की पट्टियां लगाई. आज भी वह दिखाई देती है. आज भी इस मार्ग से गुजरनेवाले सभी लोग माता के दर्शन करके ही जाते हैं.

    बागवाली माता भी है नाम 

    इस बारे में मंदिर की देखभाल करनेवाले तथा पूजन करनेवाले पुजारी राजकुमार मीरजामले ने बताया कि एक जमाने में यहां बगीचा हुआ करता था इसलिए कई लोग इस मंदिर को बागवाली माता के नाम से भी जानते है. रोज हजारों लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं. नवरात्र उत्सव के साथ साथ मंगलवार को भी मंदिर में काफी भीड़ रहती है. हजारों भक्त नियमित रुप से मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. इस तरह यह मंदिर हजारों लोगों की आस्था का केंद्र बना है.