Strike

    Loading

    अकोला. जीवन भर छात्रों को शिक्षा दान करने का कार्य करने के बाद भी शिक्षकों के सेवानिवृत्ति अधिकारों के लिए भूख हड़ताल पर जाने का समय आ गया है. प्रलंबित मामलों की ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए सोमवार को पेंशनर टीचर्स फोरम द्वारा जि.प. के सामने अनशन किया गया है. फोरम ने आरोप लगाया कि सेवानिवृत्त शिक्षकों के न्यायोचित अधिकारों और मांगों को लेकर साल भर से लिखित अनुरोध के बावजूद प्रशासन ने आंखें मूंद रखी हैं.

    हाल ही में गठित पेंशनर टीचर्स फोरम ने पूर्व में सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षकों की समस्याओं को उचित तरीके से दूर करने के लिए प्रशासन को कई निवेदन दिए हैं. इसके बाद वे सीधे शिक्षा निदेशक के पास पहुंचे. लेकिन फिर भी समस्या का समाधान नहीं होने पर भूख हड़ताल शुरू कर दी गई.

    हालांकि, अब उनकी यह उम्र श्रृंखलाबद्ध आंदोलन, भूख हड़ताल की नहीं है. लेकिन प्रशासन ने उन्हें विरोध करने पर मजबूर कर दिया है. उन्होंने कहा है कि, हम में से हर कोई किसी न किसी बीमारी से पीड़ित है. इसलिए फोरम ने मांग की है कि प्रशासन हमारी समस्याओं पर उचित ध्यान दे. अनशन में जिलाध्यक्ष जयंत घाटोल सहित पदाधिकारी शामिल हुए हैं. 

    प्रमुख मांगें

    जानबूझकर कुछ ऐसे शिक्षकों के पिछले कुछ महीनों के वेतन (सेवा में) रोके गए हैं उनके वेतन का तुरंत भुगतान करें. पदोन्नति के बाद अतिरिक्त वेतन वृद्धि दी जाए. आदर्श शिक्षकों को दी जानेवाली अतिरिक्त वेतन वृद्धि दी जाए. एमएससीआईटी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने में असमर्थ शिक्षकों के वेतन से कटौती, सेवानिवृत्ति लाभ वापस किया जाना चाहिए. किस्त राशि (पेंशन बिक्री)का भुगतान करें. ग्रेच्युटी तुरंत मिलनी चाहिए. भविष्य निधि प्रदान करें. तुरंत ग्रुप इंश्योरेंस दिया जाएं. चिकित्सा प्रतिपूर्ति भुगतान किया जाना चाहिए आदि सहित अन्य मांगें शामिल हैं.