- समझाने आयी विभाग नियंत्रक को खाली हाथ लौटना पड़ा
- हड़ताल कर्मी निर्णय पर अभी कायम
अकोला. एसटी महामंडल को राज्य सरकार की सेवा में शामिल करने की मांग को लेकर विभाग के एसटी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. इस बीच हड़ताल के छठवे दिन एसटी महामंडल की विभाग नियंत्रक चेतना खिरवाड़कर यह एसटी कर्मियों को समझाने गयी थी, लेकिन कर्मचारी हड़ताल पर जाने पर अड़े रहे. विभाग के नियंत्रकों को आते ही लौटना पड़ा क्योंकि एसटी कर्मी किसी की सलाह नहीं चाहते थे.
अकोला और वाशिम जिले में पिछले कुछ दिनों से एसटी कर्मियों की हड़ताल जारी है. करो या मारो की भूमिका लेकर एसटी कर्मचारी अपनी हड़ताल पर अभी भी कायम हैं. गुरुवार को एसटी महामंडल प्रबंधन ने राज्य में 2,053 हड़ताली कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. इसी तरह अकोला संभाग के 33 कर्मचारियों को निलंबन नोटिस जारी किया गया था.
इससे एसटी कर्मचारियों में रोष है. जब विभाग नियंत्रक हड़ताली कर्मचारियों को समझाने गयी तब एसटी कर्मचारी आक्रमक हो गए. उन्होंने सुचारू काम करने के बजाय हमें अंत तक सरकार की सेवा में समायोजित करने पर जोर दिया. विभाग नियंत्रक ने मध्यवर्ती बस स्टैंड और पुराने बस स्टैंड दोनों पर हड़ताली कर्मियों को समझाने की कोशिश की. लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं मानी.
एसटी कर्मियों ने की थी सुरक्षा की मांग
हड़ताल शुरू होने के बाद यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. उसके बाद, सरकार ने हड़ताल वापस लेने और यात्रियों की असुविधा टालने की अपील की थी. उस समय कुछ संगठनों के प्रतिनिधि विभाग नियंत्रक से मिलने गए थे. तब उन्होंने कहा था कि चालक लौटने के लिए तैयार है, लेकिन महामंडल द्वारा उन्हें सुरक्षा दी जाय यह मांग उन्होंने की थी. तब विभाग नियंत्रक ने कोई कार्रवाई नहीं करने पर धरना जारी रहा.
यात्रियों को हो रही परेशानी
एसटी महामंडल की हड़ताल के समाधान के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं. दिन प्रतिदिन हड़ताल तेज होती जा रही है. इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है. ट्रेनों में रिजर्वेशन नहीं मिल रहा है. निजी वाहन टिकट की कीमतें आसमान छू रही हैं. इसी तरह अलग से निजी वाहन भी समय पर उपलब्ध नहीं होता है. इन सभी स्थितियों के कारण बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है.