प्रतिकारात्मक तस्वीर
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    अकोला. पिछले उन्नीस महीनों से हर तरफ कोरोना का संक्रमण फैला है. इस बीच जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग की ओर से बरती जा रही सावधानी के चलते जिले में कोरोना से मरने वाली गर्भवती महिलाओं की संख्या न के बराबर है. जिले में कोरोना से मौत होने वाली इतनी गर्भवती महिलाएं हैं, जिनकी उंगलियों पर गिनती की जा सकती है. चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि उनमें से कुछ की मृत्यु मुख्य रूप से प्रसव में जटिलताओं के कारण हुई हैं.

    गर्भवती महिलाओं को कोरोना बीमारी का ज्यादा खतरा रहने से अकोला जिला परिषद का स्वास्थ्य विभाग इस समय जिले में 10 हजार 23 गर्भवती माताओं की देखभाल में लगा हुआ है. यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट से ली गई है. अकोला में कुछ निजी महिला डॉक्टर गर्भवती महिलाओं की जांच करने और सरकार के स्वास्थ्य विभाग की मदद करने के लिए महीने में एक बार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा करती हैं, यह जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा.सुरेश आसोले ने दी है.

    अकोला जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकार को सौंपी गई जिले में गर्भवती माताओं की रिपोर्ट के अनुसार सितंबर 2021 के अंत तक अकोला जिले में कुल 10 हजार 23 गर्भवती महिलाएं हैं. इन सभी महिलाओं का एचबी टेस्ट कराया गया है. कम एचबी वाली गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान खतरा होता है.

    इसके लिए 7 एचबी से कम वाली महिलाओं को ‘एनिमिक’ कहा जाता है. ऐसी महिलाओं को सुक्रोज और आयरन की गोलियों के इंजेक्शन दिए जाते हैं. वर्तमान में सबसे अधिक 2404 गर्भवती महिलाएं अकोला ब्लाक में हैं. इसके बाद अकोट ब्लाक में 1476, बालापुर 1248, बार्शीटाकली 1342, मुर्तिजापुर 1058, पातुर 1213 और तेल्हारा ब्लाक में 1282 गर्भवती महिलाएं हैं. इस तरह अकोला जिले में कुल 10 हजार 23 गर्भवती महिलाएं हैं. 

    163 महिलाओं का एचबी 7 ग्राम से कम

    सितंबर 2021 के अंत तक पंजीकृत 10 हजार 23 गर्भवती माताओं में से 2439 गर्भवती महिलाएं एचबी पॉजिटिव पाई गईं. केवल 163 महिलाओं में 7 ग्राम से कम एचबी पाया गया है. 7 ग्राम से अधिक और 11 ग्राम से कम एचबी वाली महिलाओं की संख्या 7,421 हैं. जिले में लो एचबी वाली 163 महिलाओं का इलाज किया गया है. इनमें से 51 महिलाओं में सुधार देखा गया है. 163 महिलाओं को आयरन की गोलियां और सुक्रोज के इंजेक्शन दिए गए हैं. इन सभी गर्भवती महिलाओं की देखभाल में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से लगा हुआ है. -डा.सुरेश आसोले, जिला स्वास्थ्य अधिकारी