आसेगांव. मंगलवार 18 अक्टूबर को एक बार फिर वापसी की बारिश ने किसानों की खरीफ फसलों पर कहर बरपाने का कार्य किया है. जिस वजह से खेतों में जारी सोयाबीन कटाई कार्य मजदूरों ने रोककर घर वापसी को महत्व दिया. कटाई कर रखी हुई फसल बारिश के पानी में भीगकर खराब हो गई. इस के अलावा जिन किसानों ने फसल उपज निकालकर नम सोयाबीन को खुले आसमान के नीचे रखा था. ऐसी भी फसल पानी में भीगने की जानकारी सामने आई है.
मंगलवार को सुबह से ही आसमान में काले बादलों की चादर ढक गई थी. लेकिन 11:30 बजे के दौरान बिजली की चमक बादलों की गड़गड़ाहटों के साथ जोरदार मूसलाधार बारिश आरंभ होने से खेतों में कृषि कार्य कर रहें मजदूरों और किसानों में फसल बचाने को लेकर भागमभाग की स्थिति बन गई. आधे घंटे की लगातार मूसलाधार बारिश ने किसानों के मुंह का निवाला छिनने का काम किया है.
बता दें की अब भी आसेगांव परिसर के सैंकड़ों हेक्टेयर की खेती में सूखी हुई फसल कटाई की प्रतीक्षा में है. लेकिन आए दिन जारी हल्की बारिश ने किसानों को फसल कटाई के कार्य को रोका हुआ था. मंगलवार को हुई तेजतर्रार बारिश ने तो किसानों को मानो जैसे फसल भिगोकर बर्बाद ही कर दिया हो.
आगे कैसे होंगा गुजारा किसान परेशान
खरीफ फसल को इस मौसम में अब तक बारिश ने तबाह करने की ही ठान ली है. दो माह पहले भी ज्यादा बारिश होने के कारण अतिवृष्टि से फसलें तबाह हो गई थी. और अब वापसी की बारिश ने भी किसानों को बर्बादी की कगार पर खड़ा किया है. अब आगे का गुजारा कैसे होंगा यह समस्या किसानों के सामने आने लगीं है.
बुआई खर्च तो क्या 40 हजार का होगा नुकसान
चार एकड़ खेती में सोयाबीन की बुआई की थी जिसे 60 हजार रुपए तक का खर्चा अब तक आया है. अतिवृष्टि से फसल ख़राब हुई और अब वापसी की बारिश से खेत में खड़ी फसल बर्बाद हो गई. अभी जो फसल खेत में है उससे 20 हजार की भी उपज निकलना मुश्किल है. ऐसे में खेती किस बुनियाद पर करें, यह सवाल बन गया है. खेत बुआई से लेकर अब तक 40 हजार रुपए नुकसान खेती को लेकर हुआ है. राज्य सरकार किसानों के लिए नियोजन कर मदद करें.
अब्दुल अलीम (किसान-आसेगांव)