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    अकोला. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में किसान खरीफ फसलों की बुआई की तैयारियों में लगे हुए हैं. फिर भी अभी सभी किसानों की खरीफ फसलों की बुआई की तैयारियां पूरी नहीं हुई हैं. किसानों के सामने अभी भी कई समस्याएं मुंह उठाए खड़ी हैं. 

    अनेक क्षेत्रों में बीज नहीं

    जिले की अनेक तहसीलों में किसानों को अभी भी सोयाबीन के बीज नहीं मिल पा रहे हैं. तेल्हारा, अकोट के साथ साथ अन्य और कुछ तहसीलों में सोयाबीन के बीज की काफी कमी है. पहले महाबीज के सोयाबीन के बीज की कमी थी अब तो सभी कंपनियों की यही स्थिति है. कुछ किसानों ने किसी तरह से अन्य कंपनी के सोयाबीन के बीज खरीद लिए हैं. लेकिन कुछ किसान ऐसे है जिन्हें बीज उपलब्ध नहीं हो पाए हैं.

    इन किसानों का ध्यान अब बीज न मिलने के कारण कपास की तरफ जा रहा है. कुछ किसान अब सोयाबीन के बीज न मिलने के कारण सोयाबीन की जगह कपास की बुआई करना चाहते हैं. बड़ी संख्या में किसान ग्रामीण क्षेत्रों से जिला मुख्यालय में सोयाबीन बीज खरीदने के लिए कई चक्कर लगा चुके हैं लेकिन उन्हें बीज न मिलने के कारण वे काफी निराश देखे जा रहे हैं. 

    सभी तहसीलों में यही स्थिति

    सोयाबीन के बीज की कमी की स्थिति सभी तहसीलों की है. कुछ किसान ऐसे भी हैं जो महाबीज के सोयाबीन के बीज न मिलने के कारण अन्य कंपनियों के सोयाबीन के बीज नहीं खरीद पा रहे हैं क्योकि अन्य कंपनियों के सोयाबीन के बीज के दाम अधिक हैं. इस कारण अभी तक बड़ी संख्या में किसान ऐसे हैं जो बीज नहीं खरीद पाए हैं. इन किसानों का कहना है कि बीज के दाम इतने अधिक हैं कि वे इतने महंगे बीज नहीं खरीद सकते हैं. इस कारण से कुछ किसान अब सोयाबीन की जगह कपास या अन्य किसी पर्याय पर विचार कर रहे हैं. 

    कुछ किसानों को दमदार बारिश का इंतजार

    कुछ किसान ऐसे हैं जिन्होंने किसी तरह से सोयाबीन के बीज तथा खाद का इंतजाम कर लिया है. अब इन किसानों का ध्यान आसमान की ओर लगा हुआ है. अब यह किसान दमदार बारिश चाहते हैं. इन किसानों को दमदार बारिश का इंतजार है. क्योंकि अच्छी बारिश के बिना किसान बुआई नहीं कर सकते हैं.

    जैसे ही अच्छी और दमदार बारिश होती है यह किसान अपनी बुआई का कार्य तुरंत शुरू कर देंगे. किसानों का मानना है कि कई बार बुआई करने के बाद काफी लंबे समय तक बारिश नहीं आती है. इस परिस्थिति में भी खेतों में नमी बनी रहती है. इसलिए किसान अच्छी बारिश चाहते हैं. उसके बाद ही किसान बुआई शुरू करेंगे.