An oxygen plant will be set up at the Thorat sugar factory

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    अकोला. कोरोना की पहली लहर में ऑक्सीजन की कमी से कई लोगों की जान चली गई हैं. इसके बाद जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर आंदोलन शुरू किया गया है. वर्तमान में अकोला में जिला महिला अस्पताल के पीछे एक, मुर्तिजापुर के उप जिला अस्पताल में एक और सरकारी मेडिकल कॉलेज में तीन इस तरह पांच ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं.

    इस बीच, तीसरी लहर को देखते हुए सतर्कता के तौर पर, जिले के अकोट, बालापुर, बार्शीटाकली और तेल्हारा के ग्रामीण अस्पतालों में जल्द ही ऐसे ऑक्सीजन प्लांट चालू हो जाएंगे, यह जानकारी जिला शल्य चिकित्सक डा.वंदना पटोकार ने दी है. 

    जिले में कोरोना की तीसरी लहर फैलनी शुरू हो गई है. सूत्रों के मुताबिक अस्पताल में कुछ मरीजों का इलाज चल रहा है, जिसमें करीब 98 फीसदी मरीज होम क्वारंटाइन हैं. फिलहाल अस्पताल में भर्ती मरीजों से भी ऑक्सीजन की कोई खास मांग नहीं है. इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि को देखते हुए, उन्हें स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए एहतियात के तौर पर अकोट, बालापुर, बार्शीटाकली और तेल्हारा के ग्रामीण अस्पतालों में चार ऑक्सीजन टैंक स्थापित किए जाएंगे.

    इस काम के लिए अभी टेंडर प्रक्रिया चल रही है. ये प्लांट अगले एक महीने में चालू हो जाएंगे. इन टैंकों की स्थापना के लिए राज्य आपदा राहत कोष से सरकार की ओर से दिशा-निर्देश प्राप्त हो चुके हैं तदनुसार काम शुरू होने की जानकारी जिला शल्य चिकित्सक डा.वंदना पटोकार ने दी है. 

    प्रत्येक ऑक्सीजन संयंत्र की क्षमता 10 केएल

    इस बीच, अकोट, बालापुर, बार्शीटाकली और तेल्हारा के ग्रामीण अस्पतालों में स्थापित किए जाने वाले ऑक्सीजन संयंत्रों में से प्रत्येक की क्षमता 10 केएल (केएल) होगी. वर्तमान में जिले में पांच एलएमओ (लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) टैंक हैं. इनमें से तीन टैंक सरकारी मेडिकल कॉलेज और सामान्य अस्पतालों में हैं. एक जिला महिला अस्पताल के परिसर में है और एक टैंक उप जिला अस्पताल मुर्तिजापुर में है. अब इसमें चार और टैंक जोड़े जाएंगे. इसके अलावा, पीएसए (प्रेशर स्विंग एडेप्टेशन) आठ टैंक हैं जो हवा से ऑक्सीजन लेते हैं. इनमें से चार टैंक ग्रामीण अस्पतालों में, एक जिला महिला अस्पताल में और तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज में हैं.

    एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं -डा.वंदना पटोकार

    जिला शल्य चिकित्सक डा.वंदना पटोकार से पूछने पर उन्होंने बताया कि वर्तमान में मरीजों की अतिरिक्त संख्या को देखते हुए जिले में तीन दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है. ऑक्सीजन की कोई विशेष मांग नहीं है क्योंकि अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या अधिक है और अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या बहुत कम है. तीसरी लहर के प्रकोप से बचने के लिए जिले के चार ग्रामीण अस्पतालों में ऐहतियात के तौर पर चार ऑक्सीजन टैंक लगाए जा रहे हैं.

    शहरी क्षेत्रों में सामूहिक संक्रमण

    मनपा क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने से समूह संक्रमण की स्थिति विकसित हुई है. जैसे-जैसे झुग्गी, बस्तियों में मरीजों की संख्या बढ़ती है, सार्वजनिक स्थानों पर नागरिक गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार करते हैं तो संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. जिले में 3 जनवरी से लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. वर्तमान में, हर दिन कम से कम 100 पीड़ितों की वृद्धि हो रही है. इनमें से ज्यादातर मरीज अकोला मनपा की सीमा के भीतर पाए जाने से शहर में सामूहिक संक्रमण की स्थिति निर्माण हुई है.