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    • एडमिशन पैटर्न का इंतजार, सामान्य अंकों के बाद कैसे मिलेगा प्रवेश

    अमरावती. कोरोना ने पूरे एज्यूकेशन सिस्टम को ऐसे भंवर में फंसा दिया है कि प्रत्येक छात्र के लिए यहां से निकलना एक पहेली लग रहा है. सीबीएसई और महाराष्ट्र बोर्ड समेत आईसीएसई बोर्ड ने एग्जाम रद्द कर दिए. जिससे छात्रों का रिजल्ट शत-प्रतिशत लगने वाला है. जहां अभिभावकों और छात्रों में कितने अंक मिलेंगे, इसको को लेकर कन्फूजन है. वहीं दूसरी ओर महाविद्यालयों को एडमिशन पैटर्न का इंतजार है.

    शत-प्रतिशत नतीजों के कारण महाविद्यालयों में सीटें कम और छात्र संख्या अधिक रहने तथा जनरल प्रमोशन में सामान्य अंकों के बाद प्रवेश कैसे दिया जाए. यह संभ्रम है. स्टूडेंट के सामने भी यही प्रश्न है कि आखिर मेरिट लिस्ट कैसे होगी और प्रवेश किस तरह दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि जुलाई के प्रथम या दूसरे सप्ताह में दसवीं के नतीजे घोषित होने की संभावना जताई जा रही है.

    संस्थानों को करनी होगी जद्दोजहद 

    अमरावती संभाग की बात करें तो 1 लाख 38 हजार से अधिक छात्रों को परीक्षा देनी थी, लेकिन जिस तरह रिजल्ट तैयार किया जा रहा है. उसके मुताबिक लगभग सभी छात्रों के अंक सामान्य रैंक पर ही आएंगे. इस हाल में होनहार छात्रों और औसत छात्रों के बीच एडमिशन को लेकर काफी जद्दोजहद संस्थानों को करनी पड़ सकती है.

    जबकि छात्रों की नजरें रिजल्ट से ज्यादा इस पर टिकी है कि रिजल्ट आने के बाद एडमिशन का प्रोसेस कैसा होगा. उसका पैटर्न क्या होगा, जिसके आधार पर उन्हें आगे की कक्षाओं में प्रवेश दिया जाएगा. कोरोना काल के चलते प्रोफेशनल कोर्सेस को लेकर भी छात्रों में चिंता व्यक्त की जा रही है.

    नतीजा घोषित होने 20 दिन देरी 

    आमतौर पर दसवीं के नतीजे जून माह के तीसरे सप्ताह में घोषित किए जाते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना के कारण परीक्षा ही रद्द होने से दसवीं के नतीजे घोषित होने में 20 दिन देरी हुई है. जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में नतीजे घोषित होने की संभावना है. हालांकि अभी तक लिखित रूप से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है.-लोखंडे, सचिव अमरावती विभागीय शिक्षा बोर्ड  

    अभी तक पॉलिसी नहीं बनी है 

    जब तक पॉलिसी नहीं बन जाती. तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता. मार्कशीट कैसे देना है. उसके बाद 11वीं की प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी. एंट्रेंस परीक्षा और कैम्पस गैप राउंड बंद किए जाने से एडमिशन प्रक्रिया ओपन कर दी जाएगी. इस वर्ष महाविद्यालयों में सीधे काम और छात्र संख्या अधिक रहेगी. जिसके कारण महाविद्यालय को मेरिट सूची और अन्य किसी परीक्षा के माध्यम से छात्रों को प्रवेश देना होगा.- विजयकुमार भांगडिया, प्राचार्य केएल कालेज