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    अमरावती. 5वें न्यायदंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायाधीश एस.एस. देशमुख की अदालत ने जालसाजी के मामले में आरोपी स्वप्निल दिनकर गेडाम (कैलाश नगर, अमरावती) को 2 वर्ष कारावास व 30 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई. जुर्माने की रकम नहीं भरने पर 1 महीना अतिरिक्त कारावास काटना होगा.

    सुपरवाइजर बताकर फांसा

    आरोपी स्वप्निल गेडाम ने फरियादी महिला प्रज्ञा विवेक मेश्राम (36, उत्तम नगर) को सरकारी नौकरी दिलाने के बहाने 5 लाख रुपए से ठग लिया था. स्वप्निल ने खुद को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल अमरावती व अकोला का हेड सुपरवाइजर बताया था. लोगों को 3 वर्ष के करार पद्धति पर नौकरी लगाने के बहाने यह जालसाजी की. इस मामले में फ्रेजरपुरा पुलिस ने फरियादी प्रज्ञा मेश्राम की शिकायत पर 9 नवंबर 2021 को जालसाज स्वप्निल गेडाम पर मामला दर्ज किया था.

    जांच अधिकारी पुलिस उपनिरीक्षक दत्ता नरवाडे ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. इस मामले में सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील आशा ठाकरे ने पैरवी की. फरियादी और अन्य गवाहों की गवाही को ग्राह्य मानते हुए न्यायाधीश एस.एस. देशमुख की अदालत ने आरोपी स्नेहल उर्फ स्वप्रिल दिनकर गेडाम को यह सजा सुनाई. इस मामले में जांच अधिकारी दत्ता नरवाडे को जांच कार्रवाई में हुनासिंह राठोड़, सहायक पुलिस उपनिरीक्षक विनोद चिखलकर, प्रफुल्ल दलवी ने मदद की.