मंजूर 250 करोड़, मिले केवल 22 करोड़, वर्ल्ड क्लास तीर्थक्षेत्र होगा रिध्दपुर

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  • आर्किटेक्ट ने की समीक्षा

रिध्दपुर. महानुभाव पंथियों की काशी रिध्दपुर का वर्ल्ड क्लास विकास होगा. इस पवित्र तीर्थक्षेत्र की ओर केवल दर्शनार्थी ही नहीं बल्कि देश-दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए थीम पार्क के साथ ही बोटिंग व अन्य सौंदर्यीकरण की योजना है. उल्लेखनीय है कि तत्कालीन फडणवीस सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन विधायक डा. अनिल बोंडे की पहल पर 250 करोड़ रुपये का रिध्दपुर विकास प्रारुप मंजूर किया गया, लेकिन दो वर्षों में केवल 22 करोड़ 35 लाख रुपये की निधि उपलब्ध हो पाई. जिससे हो रहे विकास कार्यों की बुधवार को नागपुर की आर्किटेक्ट गायत्री गोखले ने समीक्षा की. 

शासन को प्रोजेक्ट रिपोर्ट करेंगी पेश

रिध्दपुर विकास प्रारुप के अंतर्गत दो वर्षों से शुरू निर्माण कार्यों का आर्किटेक्ट गायत्री गोखले ने बुधवार को निरीक्षण किया. मोर्शी के उप अभियंता भारत दलवी इस समय उनके साथ उपस्थित थे. तीर्थस्थल विकास निधि अंतर्गत 22 करोड़ 35 लाख रुपए की उपलब्ध निधि से चल रहे विकास कार्य अंतिम चरण में है. कृति प्रारुप के अनुसार शेष कार्यों के लिए 50 करोड़ रुपए की निधि उपलब्ध करवाई जाएगी. 9 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे थीम पार्क का भी इस टीम ने जायजा लिया. खदान परिसर के सौंदर्यीकरण के लिये भी प्रयास करने की बात आर्किटेक्ट ने व्यक्त की.  

दाभेरी तालाब में बोटिंग का प्रस्ताव

गायत्री गोखले ने रिध्दपुर से सटे ग्राम दाभेरी में भगवान श्री गोविंद प्रभु चरणांकित मंदिरों का अवलोकन किया. मुख्य मंदिर से दाभेरी तालाब में पर्यटकों के लिए बोटिंग का भी प्रबंध करने की बात कही. उस समय उनके साथ तीर्थ स्थल समिति के अध्यक्ष कविश्वर कुल आचार्य महंत मोहन दादा करंजेकर, महंत राजेंद्र वाइनदेशकर भी मौजूद थे. स्थानीय राज्य मठ में दर्शन लेने के पश्चात उन्होंने वाजेश्वरी परिसर जाकर बताया कि आने वाले प्रोजेक्ट में महंतों की मांग के अनुसार लीलाचरित्र स्मारक का भी प्रावधान है. वाजेश्वरी परिसर से माहिम भट्ट ने मराठी का पहला अध्याय ग्रंथ लीलाचरित्र लिखा था. 

शीघ्र मिलेंगे 50 करोड़

प्राप्त निधि से किए जा रहे कार्य अंतिम चरण में है. प्रत्यक्ष समीक्षा उपरांत आर्किटेक्ट गायत्री गोखले जल्द ही शासन को प्रोजेक्ट रिपोर्ट भेज कर मंजूर निधि से जल्द ही 50 करोड़ रुपए की निधि उपलब्ध करवाई जाएगी.-भारत दलवी, उपअभियंता लोनिवि, मोर्शी

सरकार बेफिक्र

मुंबई तक ही सीमित होकर रह गई ठाकरे सरकार विदर्भ व मराठवाड़ा के विकास प्रकल्पों को लेकर जानबूझकर अनदेखी कर रही है. यही कारण है कि तत्कालीन सीएम देवेंद्र फडणवीस के सत्ताकाल में मंजूर रिध्दपुर विकास प्रारुप के लिए मात्र 22 करोड़ रुपए ही उपलब्ध हो पाए. यह ऊंट के मुंह में जीरा भी नहीं है. -डा. अनिल बोंडे, पूर्व एमएलए 

100 करोड़ मांगे-भुयार

रिध्दपुर में महानुभाव पंथीय मंदिर प्राचीन व जीर्ण अवस्था में पहुंच चुके है. यहां आने-जाने वाले सभी मार्ग खस्ताहाल है. इसके लिए राज्य के ग्रामविकास मंत्री हसन मुश्रीफ से मुलाकात कर विधायक देवेंद्र भुयार ने रिध्दपुर विकास प्रारुप के लिए अतिरिक्त 100 करोड़ रुपए मंजूर करने की मांग की. तीर्थस्थल विकास के साथ पर्यटकों को आकर्षित करने एडवेंटर पार्क की भी संकल्पना है.

इस समय उनके साथ जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष दत्ता ढोमणे, जयराजबाबा पंजाबी, अखिल भारतीय महानुभाव पंथ के तहसील अध्यक्ष राजेश ठाकरे, पंकज हरणे, सरपंच गोपाल जामठे, महेंद्र देशमुख, गाउस अली, मनोज टेकाड़े इस प्रतिनिधि मंडल में उपस्थित थे.