250 किसान वंचित, 5 गांव उपेक्षित, बाढ़ग्रस्तों को कब मिलेंगी सहायता

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    धामणगांव रेलवे. गत वर्ष जुलाई माह में बगाजी सागर बांध के 13 द्वार खोल दिये जाने से वर्धा नदी में बाढ़ आई थी, जिसके कारण तहसील के 5 गांवों में 250 से अधिक किसानों के खेत चौपट हो गए. लेकिन अभी भी इन किसानों को सरकार से कोई सहायता नहीं मिली है. जिससे किसानों में आक्रोश देखा जा रहा है. 

    वर्धा नदी में बाढ़ से आर्थिक क्षति 

    प्रतिवर्ष अत्याधिक बारिश होने पर अप्पर वर्धा बांध के द्वार खोले जाते है. पानी की यह प्रवाह बगाजी सागर में आता है. पिछले वर्ष यही स्थिति उत्पन्न होने से बगाजी सागर के 13 द्वार खोलने पड़े. परिणामस्वरूप बांध के तेज बहते पानी के कारण 5 गांवों में 250 से अधिक किसानों के खेत जलमय हो गए. फसल के साथ पूरी खेत जमीन चौपट हो गई. इन गांवों में 

    वर्धा नदी से सटे नायगांव दिघी महल्ले, बोरगांव निस्ताने, सोनोरा काकडे, आष्टा, चिंचोली का समावेश है. जिसके कारण 250 से अधिक किसानों पर आर्थिक संकट टूट पड़ा. इस बाढ़ के कारण अकेले नायगांव में सर्वाधिक 48 किसानों के खेत बर्बाद हो गए. जिला प्रशासन ने सर्वेक्षण कर रिपोर्ट सरकार को भेजी, लेकिन एक वर्ष बीत जाने पर भी बाढ़ग्रस्त किसानों को फूटी कौड़ी नहीं मिली.   

    10 वर्षों से बिकट स्थिति

    पिछले 8-10 वर्षों से प्रति वर्ष नदी से सटी खेतीबाड़ी बाढ़ की भेंट चढ़ रही है. लेकिन जिला प्रशासन किसानों की इस ज्वलंत समस्या की ओर ध्यान देने तैयार नहीं है. प्रतिवर्ष उधारी व  ब्याज से पैसे लेकर बुआई करते है. बगाजी सागर बांध का पानी छोड़ने और वर्धा नदी को बाढ़ आने से फसल नष्ट होने के साथ ही खेत जमीन भी खराब हो जाती है. किस्मत को कोसते हुए किसान प्रति वर्ष यह त्रासदी झेलने विवश हो रहे है. 

    सकारात्मक दृष्टिकोण रखे

    पिछले वर्ष उधार लेकर बुआई की, लेकिन जुलाई में बगाजी सागर के द्वार खोले जाने से वर्धा नदी में बाढ़ आ गई. जिससे फसलों के साथ खेत जमीन भी चौपट हो गई. शासन-प्रशासन किसानों की मांगों पर ध्यान देकर सकारात्मक दृष्टिकोण रखे. -राजेंद्र शेलार,नायगांव