287 शालाएं अंधेरे में,  लाखों का बिजली बकाया

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अमरावती. शाला को सैनिटराइज्ड के साथ ही थर्मल गन की व्यवस्था करने के लिए शालाओं के पास निधि नहीं हैंं, ऐसे में हजारों रुपयों का बिजली बिल कहां से अदा करें, ऐसा प्रश्न शालाओं के सामने निर्माण हो रहा है. वहीं दूसरी ओर बिजली बिल अदा नहीं किए जाने से महावितरण ने कार्रवाई करते हुए जिला परिषद की 287 शालाओं की बिजली काट दी है. ग्रामपंचायत चुनाव के मुहाने पर शालाएं अंधेरे में रहने से प्रशासन का सिरदर्द और बढ़ गया है.

ग्रापं चुनाव में शालाएं मतदान केंद्र

15 जनवरी को 553 ग्रामपंचायतों के चुनाव होने जा रहे है. इस चुनाव में अधिकांश गांव में जिला परिषद की शालाओं को केंद्र बनाया जाता है.  जिले में कुल 2010 मतदान केंद्रों में अधिकांश जिला परिषद की शालाएं हैंं. चुनाव के लिए अधिकांश मतदान केंद्रों की टीम पहले ही दिन मतदान केंद्र पर दाखिल होती है. यहां पानी-बिजली समेत शौचालय की व्यवस्था भी प्रशासन को करना अनिवार्य है. ऐसे में 287 शालाओं में बिजली नहीं रहने से चुनाव में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं. जिसके चलते ग्रामपंचायत के प्रशासन इस समस्या का समाधान करने में जुटे हुए है.

शाला की समस्या दूर करेंगा चुनाव

शाला के पास बिजली बिल अदा करने के लिए निधि उपलब्ध नहीं रहने से महावितरण ने बिजली कनेक्शन काट दिए. हालांकि महावितरण ने भी 15 वेंं वित्त आयोग की निधि से यह बिल अदा करने की मांग सरकार से की है. वहीं दूसरी ओर 15 वे वित्त आयोग की निधि सीधे ग्रामपंचायत को दी जाती है. जिसके चलते ग्रामपंचायत ने शालाओं की बिजली कांटने के बाद वह बिल अदा करना जरुरी था लेकिन यह प्रक्रिया नहीं किए जाने से बिजली गुल कर दी गई. लेकिन अब अधिकांश ग्रामपंचायतों पर प्रशासकों का कब्जा रहने से प्रशासकों को चुनाव के मद्देनजर इन शालाओं के बिजली बिल अदा करना सिरदर्द बन गया है.

कमर्शियल रेट क्यों?

बिजली कनेक्शन कांटने के चलते शिक्षकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस वर्ष कोरोना के चलते भले ही शालाओं में छात्र नहीं है, लेकिन आनलाइन शाला होने से शिक्षक त्रस्त है. ऐसे में शालाओं को बिजली के लाखों रुपये के बिल दिए जाते है. जिसका शिक्षकों ने विरोध किया है. शाला ज्ञान का मंदिर होता है यहां कोई व्यवसाय नहीं करते बावजूद इसके शालाओं का कमर्शियल रेट के अनुसार बिजली बिल दिया जाता है इस मामले को लेकर शिक्षकोंं ने कई बार विरोध किया. बावजूद इसके कोई जनप्रतिनिधि इस मामले में पहल नहीं कर रहा है.

जगमगाएगी शालाएं?

ग्रामपंचायत चुनाव के पूर्व मतदान केंद्र बनी शालाओं का बिजली बिल अदा करना अनिवार्य होता है. इसके पूर्व भी विधानसभा चुनाव के पूर्व सभी शालाओं का बिजली बिल प्रशासन ने अदा करते हुए बिजली सुचारु की थी. जिसके चलते इस वर्ष भी सभी शालाएं रोशनी से जगमगा उठेगी.

जानकारी मांगी है

1580 प्राथमिक शालाएं हैंं. जिसमें से 15 प्रतिशत शालाओं के बिजली कनेक्शन काटने की संभावना है. हालांकि जिन शालाओं की बिजली काटी गई है उन शालाओं की जानकारी एचएम से मांगी गई है. सूची प्राप्त होते ही प्रशासन को सौंपी जाएगी.- इ.जेड. खान, प्राथमिक शिक्षणाधिकारी