अमरावती. शिकार करने के लिए जंगलों के कोयर एरिया में घुसने का आरोप लगाते हुए टाइगर प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने धारणी तहसील के सलोना गांव के 5 युवकों को सोमवार को तड़के 6 बजे अरेस्ट किया. जबकि परिजनों व गांववासियों ने इस कार्रवाई को सरासर गलत बताते हुए कार्यवाही का विरोध किया. 150 से अधिक ग्रामीणों ने परतवाड़ा स्थित विभागीय कार्यालय पर जाकर कार्यवाई पर रोष जताया. अरेस्ट आरोपियों में प्रितेश शिवलाल कास्देकर, प्रतेश पतिराम बेलसरे, रितेश पतिराम बेलसरे, सागर पुनाजी मोरे, जयपाल राजाराम कास्देकर व संजु राजु बेलसरे है.
सैकड़ों ग्रामीण पहंचे DFO कार्यालय
जंगलों में लगे ट्रैप कैमरों में 9 मई को 6 युवक जंगल के भीतर जाते दिखाई दिए, जिसके आधार पर सोमवार को सुबह 6 बजे आरएफओ जोशी की टीम ने इन सलोना गांव में जाकर इन युवकों को अरेस्ट किया. लेकिन परिजनों का कहना है कि वे पीढ़ियों से इन गांव में रहते है. यहां चुल्हा जलाने के लिए जंगल से लकड़ी लाना उनकी मजबूरी है और यह युवक लकड़ी लेने जंगल में गए थे. जंगल के ट्रैप कैमरों में कैद है.
लेकिन टाइगर प्रोजेक्ट की टीम ने शिकार जैसा गंभीर मामले का झुठा रूप देते हुए युवकों को अरेस्ट कर उन पर मामले दर्ज कर रही है. गांव के सैकड़ों लोग परतवाड़ा स्थित विभागीय कार्यालय पर पहुंचे व कार्रवाई का विरोध कर युवकों पर मामले दर्ज न करने की गुहार लगाने लगे. लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक न सुनी. बल्कि डीएओ पीयूषा जगताप ने परतवाड़ा पुलिस को बुलाया और बगैर सबूत के इन युवकों पर मामले दर्ज किए गए.
ग्रामीणों ने बताया अन्याय
ग्रामीणों ने इस कार्रवाई को अधिकारियों की ज्यादती बताते हुए विधायक पटेल को फोन पर जानकारी दी. पटेल ने मामले पर संज्ञान लेते हुए तुरंत डीएफओ से फोन पर चर्चा की व पुख्ता सबूत के बगैर मामले दर्ज न करने को कहा. लेकिन फिर भी अधिकारियों द्वारा युवकों को फर्जी रूप से शिकारी बताकर मामले दर्ज किए जाते है तो यह अन्याय है.
सबूत के आधार पर ही गिरफ्तारी
जंगलों में लगे ट्रैप कैमरों में यह युवक संदिग्ध अवस्था में दिखाई दिए हैं. लकड़ी तोड़ने के लिए जाते समय 5 कुत्ते लेकर जाना भी संदेह की श्रेणी में है. कैमरों की वीडियो में जंगल की एक भेड़ का इनमे कुत्तों द्वारा शिकार करने की घटना कैद हुई है. यह अपराध है. हमने मामले दर्ज किए है.-पीयूषा जगताप, डीएफओ, टाइगर प्रोजेक्ट