अमरावती. संभाग के पांचों जिलों में अतिवृष्टि के कारण नैसर्गीक आपदा का सामना करना पड़ा है. जिसमें अब तक 51 लोगों ने जानें गंवाई हैं. 1 जून 2021 से 17 सितंबर 2021 तक यह मौतें दर्ज की गई. जिसमें से 46 लोग शासकीय मदद के लिए योग्य साबित हुए.
जिसमें से 42 मृतकों के परिजनों को शासन से प्रत्येकी 4 लाख रुपए के हिसाब से 1 करोड़ 68 लाख रुपए की सानुग्रह राशि प्रदान की गई है. 7 प्रकरण जांच के अधीन है. अमरावती जिले में सर्वाधिक 16 मौतें हुई हैं. यवतमाल-14, अकोला-9, बुलडाना-9 व वाशिम जिले में 3 लोगों की मृत्यु हुई है.
बाढ़ में 23 बहे
संभाग में 51 में से सर्वाधिक 23 मौतें नदी-नालों में बाढ़ में बहने से हुई है. 21 मौतें गाज की चपेट में आने, 4 लोग दीवार ढहने व पेड़ गिरने से मारे गए. 2 लोगों की मौतें अन्य कारणों से हुई.
छोटे-बड़े 810 मवेशी मरे
संभाग में नैसर्गीक आपदा का असर मवेशियों पर भी पड़ा है. 1 जून से 17 सितंबर तक छोटे-बड़े 810 मवेशी मारे गए. यवतमाल जिला में सर्वाधिक 44 मवेशियों की मौत हुई.
अमरावती जिला में 26, अकोला- 6, बुलडाना- 35 और वाशिम जिला में 12 मवेशियों की मौतें हुईं. एक भी मवेशी मालिक को शासन से आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है.
486 मकानों को क्षति
अतिवृष्टि के कारण संभाग में कुल 486 मकानों को पूरी तरह क्षति पहुंची है. जिसमें अकोला जिला में सर्वाधिक 300 मकान शामिल है. बुलढाना-103, अमरावती 67, यवतमाल-15 और वाशिम जिला में 1 मकान क्षतिग्रस्त हुआ. इसी तरह संभाग में 7953 पक्के मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा.