Child marriage
प्रतीकात्मक तस्वीर

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    अमरावती. जब प्रेम परिपक्व होता है, तो वह दो आत्माओं का आनंद होता है. लेकिन जब ये प्यार कम उम्र में हो जाए तो समाज के लिए खतरनाक हो जाता है. आज के दौर के लड़के लड़कियां एक अलग दुनिया में रह रहे हैं. भावानों की गर्दीश में वे दिशाहिन हो रहे. इसमें मोबाइल का दूरुपयोग भी बढ गया है. सही उम्र में उचित परामर्श न मिलने के कारण नाबालिग लड़के-लड़कियों के बीच प्रेम प्रसंग और बाल विवाह और अन्य अपराध बढ़ते जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें 21 साल की लड़की ने 20 साल की नाबालिग के साथ बाल विवाह करने की कोशिश की. इस मामले में श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल की चाइल्ड लाइन ने लडके के पिता की शिकायत पर पहल की और एक बार फिर बाल विवाह होने से रोका. 

    केवल 8 पत्रिका छपाई

    जानकारी के अनुसार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत 0 और 18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए 24 घंटे मुफ्त आपातकालीन सेवा चाइल्ड लाइन 1098 पर शेंदुरजनाघाट थाना क्षेत्र के एक गांव में एक 20 वर्षीय लड़के का 21 साल की लड़की से बालविवाह होने की सूचना प्राप्त हुई.  तद्नुसार चाइल्ड लाइन टीम ने मामले को लेकर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण कक्ष कार्यालय, अमरावती को पत्र दिया गया.

    पश्चात शेंदूरजनाघाट थाने पहुंचकर, मामले की चर्चा पुलिस निरीक्षक से की गई और लड़के के घर जाकर जांच की. जिसके अनुसार गांव की ही एक युवती ने गांव के ही एक युवक को अपने प्रेम जाल में फंसाकर उससे शादी करने का प्रयास किया. सिर्फ आठ पत्रिका छापकर शादी करने की तैयारी की. लेकिन चाइल्ड लाइन की टीम ने समारोह से कुछ समय पहले पहुंचकर विवाह रोकने में सफल रही. उसके बाद युवती और बच्चे को बताया गया कि बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत बच्चे को 21 साल की उम्र पूरी करने की जरूरत है.